बीएमसी को लेकर फैसला उद्धव ठाकरे और सीएम देवेंद्र फडणवीस को करना है।
दोनों को इसका अधिकार है। ज्ञातव्य है कि मेयर पद के लिए शिवसेना पहले ही
दावा ठोक चुकी है। जब गडकरी से पूछा गया कि मेयर किस पार्टी का होगा तो
उन्होनें कहा कि बातचीत के बाद ही इस पर कोई फैसला हो सकता है। साथ ही
गडकरी ने कहा कि चुनाव के नतीजों से साबित हो गया है कि महाराष्ट्र में
जनमत बीजेपी के साथ है। इसे स्वीकार करना चाहिए।
गडकरी ने कहा कि शिवसेना
के मुखपत्र सामना में पीएम मोदी और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के बारे में जो
लिखा गया, उससे पार्टी के नेता और वर्कर दुखी हुए। दोस्त होने पर भी सामना
में बार-बार बीजेपी के खिलाफ लिखा गया। उम्मीद है चुनावों में आई यह
कडवाहट भविष्य में दूर होगी। इससे दोनों पार्टियों को ही फायदा होगा।
चार निर्दलीय पार्षदों ने समर्थन दिया...
दूसरी तरफ, मुंबई भाजपा के अध्यक्ष आशीष सेल्लार ने मेयर पद के लिए पार्टी की दावेदारी का संकेत देते हुए कहा कि हमने 82 सीटें जीती हैं और चार निर्दलीय पार्षदों ने हमें समर्थन दिया है। पार्टी इस बारे में आगे रणनीति तय करेगी। शिवसेना सांसद अनिल देसाई ने कहा है कि हमारी दावेदारी मजबूत है और पार्टी जल्द रणनीति का खुलासा करेगी।
अगर भाजपा और शिवसेना अड़े रहते हैं तो मनसे, राकांपा और
निर्दलीयों के वोट अहम होंगे। हालांकि भाजपा इन तीनों को भी साथ लाने में
सफल हो जाती है तो भी बहुमत के जादुई आंकड़े से वह दो कदम दूर रहेगी, लेकिन
ये तीनों शिवसेना का साथ देते हैं तो वह अपना मेयर बनाने में कामयाब हो
जाएगी।
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