बारां। स्वीकृतशुदा परवन वृहद सिंचाई परियोजना तीन जिलों के किसानों की संजीवनी है। इससे हजारों किसान परिवारों, आमजन एवं व्यापारी भाइयों का भविष्य जुड़ा हुआ है। इस परियोजना को लेकर हमारा निरतंर संघर्ष जारी रहेगा, जब तक मौके पर इसका निर्माण कार्य प्रारंभ नही होगा। यह वक्तव्य राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री प्रमोद भाया ने शनिवार को तहसील अटरू के ग्राम सोलाहेड़ी से रवाना हुई अपनी आठवीं जन जागरण पदयात्रा के दौरान कहे। पदयात्रा के दौरान सैकड़ों किसानों, कांग्रेसजनों ने भाग लिया।
पदयात्रा के दौरान प्रमोद भाया ने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एवं सासंद दुष्यंत सिंह ने लोकसभा चुनाव मई 2014 के दौरान कहा था कि चुनाव समाप्त होते ही एक-दो माह में पूर्ण प्राथमिकता से परवन परियोजना का कार्य शुरू कराएंगे, लेकिन 27 माह बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। इसके बाद जून 2016 में सांसद दुष्यंत सिंह एवं सिंचाई मंत्री डॉ. रामप्रताप ने प्रस्तावित बांध स्थल का अवलोकन करने के बाद कहा था कि दिसंबर 2016 तक बहुप्रतीक्षित परवन वृहद सिंचाई परियोजना का निर्माण शुरू हो जाएगा। 6 सितंबर को मिनी सचिवालय बारां में हुई बैठक में सांसद दुष्यंत सिंह एवं प्रभारी मंत्री बाबूलाल वर्मा की उपस्थिति में अधिकारियों ने जानकारी दी कि परवन परियोजना का कार्य अब मार्च 2017 तक ही शुरू हो पाएगा। परवन परियोजना के बारे में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व सांसद दुष्यंत सिंह एवं इनके मंत्रियों द्वारा बार-बार गलत बयानबाजी कर जनता को गुमराह किया जा रहा है। इससे लगता है कि इनकी कथनी और करनी में अंतर है तथा परवन के प्रति इनकी कार्यप्रणाली व नीयत साफ नहीं है।
भाया ने कहा कि कांग्रेस शासन में स्वीकृतशुदा परवन वृहद सिंचाई परियोजना के टनल एवं बांध निर्माण के लिए टेंडर जारी किए गए थे, उन टेंडरों को भाजपा सरकार द्वारा सत्ता में आने के बाद राजनीतिक द्वेषता के कारण निरस्त कर पुन: उन्हीं टेंडरों के लिए 32 महीने के कार्यकाल में 9 बार निविदाएं आमंत्रित कर लगातार नवीं बार 24 अगस्त को एक बार फिर स्थगित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री व सांसद दुष्यंत सिंह एवं भाजपा सरकार जान-बूझकर इस महत्वाकांक्षी परियोजना को लटकाए रखना चाहती है तथा परवन परियोजना के निर्माण कार्य को लेकर इनकी नीयत साफ नही है।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष पानाचंद मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान परवन वृहद सिंचाई परियोजना के लिए 2360 करोड़ रूपए के बजट की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति जारी हुई थी, जिसे राजस्थान की भाजपा सरकार ने अन्य मदों में उपयोग किया एवं परवन बांध निर्माण के लिए कभी वन विभाग की स्वीकृति तो कभी वन विभाग में पैसा जमा कराने तो कभी गांवों को अन्यत्र स्थानांतरित करने का बहाना बनाकर निविदाओं पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होने दी।
इन गांवों में की पदयात्रा
जिला महासचिव कैलाश जैन ने बताया कि भाया द्वारा स्वीकृतशुदा परवन वृहद सिंचाई परियोजना के कार्यों को चालू करवाने की मांग को लेकर शनिवार को तहसील अटरू के ग्राम सोलाहेड़ी से जन-जागरण पदयात्रा प्रारंभ कर ग्राम आमापुरा, सींधनी, लोलाहेड़ी होते हुए हानीहेड़ा तक की।
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