बलवंत तक्षक
चंडीगढ़ । पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए अकाली दल और भाजपा के बीच सीटों की अदला-बदली का मामला खत्म हो गया है। भाजपा चार सीटों पर अकाली दल से अदला-बदली की कोशिश में थी, लेकिन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल इसके लिए सहमत नहीं हुए। भाजपा को अकाली दल से समाौते के तहत पंजाब में 117 सीटों में से 23 सीटों पर चुनाव लड़ना है। पंजाब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विजय सांपला ने स्वीकार किया कि वे अपनी पुरानी 23 सीटों पर ही अपने उम्मीदवार मैदान में उतारेंगे। उन्होंने माना कि अब अकाली दल के साथ सीटों की अदला-बदली संभव नहीं है। अपने हिस्से की 94 सीटों में से अकाली दल पहले ही अपने ज्यादातर उम्मीदवारों की घोषणा कर चुका है। अकाली दल और भाजपा के उम्मीदवारों ने अपने-अपने चुनाव क्षेत्रों में तैयारियां भी शुरु की हुई हैं, ऐसे में चुनाव क्षेत्रों की अदला-बदली अब संभव नहीं है। कांग्रेस, आप व अकाली दल की तरफ से उम्मीदवारों की घोषणा के बावजूद भाजपा ने अभी अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं। क्या भाजपा उम्मीदवारों की घोषणा में पिछड़ गई है? सांपला ने कहा, ऐसा कुछ भी नहीं है। अभी तो चुनाव आयोग ने मतदान की तारीखों का भी ऐलान नहीं किया है। हम जीतने वाले उम्मीदवार ही मैदान में उतारेंगे। मौजूदा विधानसभा में भाजपा के 12 विधायक हैं।
इनमें ज्यादातर विधायकों को फिर से आजमाये जाने के आसार हैं।पंजाब भाजपा की तरफ से 23 सीटों के लिए तीन-तीन उम्मीदवारों के नामों का पैनल पार्टी आलाकमान को भेज दिया गया है। इस मामले में अंतिम फैसला आलाकमान को ही करना है। अकाली-भाजपा गठबंधन की हैट्रिक की संभावनाओं पर सांपला ने कहा, हम चुनाव जीतेंगे। नोटबंदी के फैसले पर विपक्षी दलों ने खूब शोर मचाया, लेकिन चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव में भाजपा की बंपर जीत ने साबित कर दिया कि लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले के साथ हैं। पंजाब में भी ऐसे ही नतीजे आएंगे और अकाली-भाजपा गठबंधन फिर से सरकार बनाएगा।
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