हिमांशु तिवारी,कानपुर। भारतीय जनता पार्टी यूपी मिशन 2017 को हर हाल में फतह करना चाहती है। जिसके चलते बड़े नेताओं ने कानपुर में बैठक कर एक नई रणनीति बनाई है जिसे छापामार की संज्ञा दी गई है। बताया जा रहा है कि रणनीति के तहत जातिगत प्रभावशाली नेताओं को उसी क्षेत्र में बिना लाव-लश्कर के लगाया जाएगा। एक जगह पर लोगों को अपने पक्ष में करने के बाद वह दूसरी जगह की ओर बढ़ लेगें।
कानपुर-बुन्देलखण्ड में पार्टी की बड़ी जीत के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पुखरायां जनसभा के बाद कानपुर में देर रात एक होटल पर बैठक की। जिसमें प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या, प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, कानपुर-बुन्देलखण्ड के प्रभारी मध्य प्रदेश के मंत्री नरोत्तम मिश्रा और संगठन मंत्री रहे अरविंद मेनन मौजूद रहें। बैठक में तीन राउंड की बातचीत हुई और आगामी रणनीति बनाई गई। सूत्रों के अनुसार सभी नेताओं से अध्यक्ष ने कानपुर-बुन्देलखण्ड की ताजा चुनावी हालात पर विचार विमर्श किया। इसके साथ यह भी जानकारी ली गई कि चुनावी मुद्दों से जनता किस कदर पार्टी की ओर मुड़ रही है। इन सबके बाद पार्टी अध्यक्ष ने छापेमार रणनीति पर सभी के साथ चर्चा की। बताया कि इसके तहत हर विधानसभा में क्षेत्रवार जिन जातियों की संख्या अधिक हो वहां पर उन्ही जाति के प्रभावशाली नेता आम जनता की भांति उन पर पैठ बनाये। जब फीडबैग मिल जाय कि यहां पर सफलता मिल गई है तो वह आगे की ओर बढ़ जाये। इसके पीछे पार्टी का मानना है कि मुद्दों से जहां चुनावी माहौल बन रहा है तो वहीं ऐसा होने से जमीनी पकड़ मजबूत होगी और जीत सुनिश्चित हो जाएगी।
45 सीटों का मिला लक्ष्य
बताया जा रहा है कि कानपुर-बुन्देलखण्ड की 52 सीटों पर पार्टी अध्यक्ष ने पदाधिकारियों के बीच 45 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है। बताते चलें कि कानपुर-बुन्देलखण्ड की कई सीटों पर भाजपा ने पार्टी के नेताओं को दरकिनार कर उन बाहरियों को टिकट दिया गया है जिनकी क्षेत्र में मजबूत पकड़ है। ऐसे में पार्टी का मानना है कि कमजोर जगहों पर मजबूती आ गई है और 45 सीटों पर जीत दर्ज की जा सकती है।
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