धर्मशाला(सीमा अग्रवाल)। विधायक रविंद्र सिंह रवि का कहना है कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने देहरा में उनके खिलाफ जिस भाषा का प्रयोग किया उसके लिए वह मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा था कि वे उन्हें को तब से जानते हैं जब से वे राजनीति में ही नहीं थे। रवि ने मुख्यमंत्री से पूछा है कि मुख्यमंत्री यह बताने का कष्ट करें कि आखिर वे मेरे खोखे पर क्यों आते थे और किस आधार पर मुझे जानते थे, मैं सम्मान से जीता हूं और कोई जांच एजेंसी मेरे पीछे नहीं लगी है। जिस तरह की भाषा का प्रयोग मुख्यमंत्री कर रहे हैं उसका जवाब बीजेपी आगामी सत्र में देगी। [@ 90 की उम्र फिर भी आंख से तिनका निकाल लेते भगत राम] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
देहरा से बीजेपी विधायक रविंद्र रवि ने धर्मशाला में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि जिला कांगड़ा का प्रदेश की राजनीति में सबसे अहम रोल है और सरकार बनाने और गिराने में इस जिला की भूमिका किसी से छिपी नहीं है। इस जिला को अपने काबू में रखने के लिए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने फूट डालो और शासन करने की नीति अपना रखी है। यही कारण है कि जिला में कांग्रेस के विधायक और मंत्री आपस में उलझते रहते हैं। रवि ने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी सत्ता बचाने के लिए अपने मंत्रियों को प्रताड़ित करते रहते हैं और उनमें फूट डलवाते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इस बात का घमंड हो गया है कि वह 6 बार मुख्यमंत्री बन चुके हैं और 7वीं बार मुख्यमंत्री बनने के वह दावे करते हैं।
रवि का कहना है कि यह सच है कि जितनी हमारी उम्र है उतना मुख्यमंत्री का राजनीतिक अनुभव है लेकिन यह अनुभव सकारात्मक की बजाय नकारात्मक ज्यादा है। रविंद्र रवि ने कहा कि जिस अभद्र भाषा का प्रयोग मुख्यमंत्री करते हैं वैसी भाषा शायद ही देश में कोई नेता बोलता हो। कोई भी सत्र शुरू होना हो तो मुख्यमंत्री की अभद्र भाषा शुरू हो जाती है और वह खुद को बहुत बड़ा गुंडा बताना शुरू कर देते हैं। रवि ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री को कहकर मुकरने की आदत है। ऐसा ही उन्होंने धर्मशाला को राजधानी बनाने के बारे में भी किया है। नोटिफिकेशन जारी करने के बाद भी उसे हटा लिया गया है और इसका जवाब मुख्यमंत्री को देना ही होगा।
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