लखनऊ/गोंडा। उत्तर प्रदेश
के सत्ता संग्राम में भाजपा ने भले ही सपा और कांग्रेस के गठबंधन को रोकने का चक्रव्यूह
रच डाला है। लेकिन भाजपा के नेताओ में टिकट बंटवारे को लेकर जो आग लगी है उसे भाजपा
के नरेन्द्र मोदी और अध्यक्ष अमित शाह कैसे बुझाएंगे? गोंडा में सदर विधान सभा क्षेत्र
में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां भाजपा के लिए कई सालों से समर्पित और लगातार
पिछले दो विधान सभा चुनावों में दमदार उपस्थिति दर्ज कराने वाले प्रत्याशी का टिकट
काट कर भाजपा सांसद पुत्र को दे दिया गया। इससे आहत प्रत्याशी ने सपा के खिलाफ निर्दलीय
चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए अपना जन सम्पर्क शुरु कर दिया है।
[@ यहां मरने के बाद भी होती है शादी, मंडप में दूल्हा-दुल्हन...]
भाजपा ने सांसद पुत्र को दिया टिकट
गोंडा में सदर विधान
सभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी ने कैसरगंज के भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह के
पुत्र प्रतीक भूषण सिंह को टिकट दे दिया है। इससे इस क्षेत्र से गत दो बार के चुनावों
में पार्टी के प्रत्याशी रहे महेश तिवारी बहुत दुखी है। उनकी आंखों के आंसू है कि रुकने
का नाम नहीं ले रहे हैं। वह अपने आपको भाजपा के सच्चे सिपाही बताते हुए लोगों से समर्थन
मांग रहे हैं। जिसको लेकर जनता के बीच अब वह सपा के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। जिसका
इस वरिष्ठ नेता ने ऐलान भी कर दिया है।
15 वर्षों से भाजपा में हैं महेश
जिले की सदर विधान
सभा सीट से पहली बार 2007 और दूसरी बार 2012 में चुनाव लड़ चुके महेश तिवारी करीब
15 वर्षों से भाजपा में हैं। 2007 तीसरे और 2012 में वह दूसरे स्थान पर रहे। महेश तिवारी
की मानें तो पिछले 15 सालों से पार्टी के लिए हर संभव सेवा की। बीते दुर्गा पूजा के
दौरान विसर्जन के लिए जा रही देवी प्रतिमाओं पर पथराव के मामले में कार्रवाई की मांग
को लेकर धरना देते समय उन्हें गिरफ्तार भी किया गया। इससे कई माह तक उन्हें जेल में
ही रहना पड़ा। फिलहाल वह जमानत पर हैं। उनके घर में अटल बिहारी वाजपेई और नरेन्द्र मोदी
से लेकर अनेक भाजपा नेताओं के फोटो लगे हैं। यह सभी महेश के भाजपा प्रेम को बयां करती
हैं।
आखिरी वक्त पर कटा टिकट
गोंडा सदर में 2017 के भाजपा के दावेदार प्रत्याशियों में
महेश नारायण तिवारी का नाम शिखर पर था। फिर ऐसा क्या हुआ कि उनको दरकिनार कर प्रतीक
भूषण को टिकट दे दिया गया। महेश तिवारी का कहना है कि जब भारतीय जनता पार्टी हासिए
पर थी तब से उन्होंने भाजपा का झंडा हाथ में लिया और पार्टी के लिए हर संघर्ष किया।
सालों की सेवा करने के बाद गोंडा सदर से भाजपा के लिए उनकी प्रबल दावेदारी थी। जिसको
लेकर क्षेत्र में कई सालों से मेहनत कर रहा था। सारी तैयारियां जोर शोर से चल रही थी,
लेकिन आखिरी वक्त पर उनका टिकट काट दिया गया। इससे वह बहुत दुःखी हैं।
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