इलाहाबाद। इलाहाबाद की सोरांव विधानसभा सीट को गठबंधन से खिसकते
देख अपना दल ने तल्ख रूप अपना लिया है। अपना दल ने कहा है कि अगर सोरांव से भाजपा
प्रत्याशी लड़ा तो वाराणसी में अपना दल भी प्रत्याशी उतारेगी। गौरतलब है कि सूबे
में चौथे चरण का नामांकन कल ही समाप्त हो गया। लेकिन आखिरी दिन कई ऐसे नामांकन हुए
जिन्होने सियासी उठा पटक को तेज कर दिया। बड़े ही नाटकीय ढंग से एक दिन पहले ही
सोरांव से भाजपा का उम्मीदवार बनने का दावा करने वाले सुरेन्द्र चौधरी ने
कलेक्ट्रेट में हजारों समर्थकों के साथ नामांकन किया। जबकि सुरेन्द्र से पहले ही
भाजपा-अद गठबंधन प्रत्याशी जमुना प्रसाद सरोज ने भी नामांकन कर दिया। हालांकि
भाजपा द्वारा सोरांव की गठबंधन सीट पर अपना प्रत्याशी लड़ने की अभी तक न तो कोई
आधिकारिक घोषणा हुई और न ही कोई सूची जारी की गई है।
अपना दल सोनेलाल पार्टी की हाईकमान व मंत्री अनुप्रिया पटेल ने मामले पर नाराजगी व्यक्त की। दोहरे नामांकन से क्षेत्र के कार्यकर्ताओं में असमंजस की
स्थिति है।
अपना दल प्रवक्ता बृजेन्द्र प्रताप ने बताया कि अनुप्रिया जी के
आदेशानुसार व गठबंधन की वैधानिक प्रक्रिया के अनुसार ही अपना दल की ओर से जमुना
सरोज ने नामांकन किया है। अनुशासन बनाये रखने के लिये आगे पार्टी अपना निर्णय
लेगी।
कट्टर
हिंदूवादी चेहरा
सोरांव विधानसभा सीट पर मुस्लिम वोट निर्णायक साबित होते हैं। ऐसे में इस सीट पर
हिंदूवादी चेहरे का दांव खेलकर भाजपा सियासी समीकरण दुरूस्त करना चाहती है।
क्योंकि सपा-कांग्रेस गठबंधन के बाद इस सीट पर मुस्लिम वोटों के एकीकरण का अनुमान
लगाया जा रहा था। ऐसे में मुस्लिम वोटो के विरुद्ध एक हवा बनाकर भाजपा के लिये
वोटों की संख्या बढाई जायेगी। सुरेन्द्र चौधरी पिछले कुछ सालों से लोकल राजनीति
में हिंदूवादी चेहरे के रूप में उभरे हैं। जबकि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के नजदीकी भी
माने जाते हैं। ऐसे में जब सोरांव विधानसभा आरक्षित है तो भाजपा जरूर हिंदू कार्ड
खेलना चाहेगी।
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