उन्होंने कहा कि लोगों में शराबबंदी के सख्त कानून को लेकर आक्रोश बढऩे के
बाद नीतीश कुमार बहाना खोज रहे हैं, जबकि विपक्ष ने पहले ही दोनों सदनों
में शराबबंदी का समर्थन किया है। इधर, जद (यू) के नेता और पूर्व
मंत्री श्याम रजक महागठबंधन सरकार का बचाव करते हुए कहते हैं कि विपक्ष
शराबबंदी कानून को तालिबानी कानून कहता है तो उन्हें उपाय बताना चाहिए।
सिर्फ बोलने से तो कोई उपाय नहीं होगा, इसलिए सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है।
उल्लेखनीय है कि शराबबंदी कानून को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बैकफुट पर
नजर आ रहे हैं। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने पिछले दिनों विज्ञापन
निकालकर लोगों से 12 नवंबर तक सुझाव मांगे थे। इसके बाद 14 नवंबर को
मुख्यमंत्री ने चुनिंदा लोगों से संवाद कर इस कानून पर चर्चा की थी।
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