चंडीगढ़। हरियाणा के पूर्व मंत्री अवतार सिंह भडाना अब उत्तरप्रदेश से राजनीति के अखाड़े में पैर जमाने की कोशिश कर रहे हैं। भडाना मुजफ्फरनगर जिले में मीरापुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर किस्मत आजमा रहे हैं। उत्तरप्रदेश से सांसद रह चुके भडाना हरियाणा के बार पहली बार विधायक बनने की कोशिशों में जुटे हैं। करीब 2 लाख 96 हजार मतदाता 11 फरवरी को उनकी किस्मत का फैसला करेंगे। [@ Breaking News : अब घर बैठे पाए Free JIO sim होम डिलीवरी जानने के लिए यहाँ क्लिक करे]
उत्तरप्रदेश में मेरठ लोकसभा क्षेत्र से 1999 से 2004 तक कांग्रेस के टिकट पर सांसद रह चुके भडाना हरियाणा में फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र से भी चार बार कांग्रेस के सांसद रह चुके हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री रहते चौधरी देवीलाल ने भडाना को विधायक बने बिना ही अपने मंत्रिमंडल में बतौर राज्य मंत्री शामिल कर लिया था और स्थानीय निकाय महकमे की जिम्मेदारी दे दी थी। भडाना गुर्जर समुदाय से हैं और उन्हें गुर्जरों का इमाम कहा जाता है।
पिछले लोकसभा चुनावों में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर फिर फरीदाबाद क्षेत्र से संसद में पहुंचने की कोशिश की थी, लेकिन मोदी लहर के चलते भाजपा के उम्मीदवार कृष्णपाल गुर्जर के हाथों मात खा गए। चुनाव हारने के बाद भडाना ने कांग्रेस छोड़ दी और पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के नेतृत्व में आस्था जाहिर करते हुए इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो)में शामिल हो गए। इनेलो ने उन्हें पार्टी उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप दी, लेकिन थोड़े अर्से बाद ही भडाना ने एक बार फिर दल बदलते हुए भाजपा में शामिल होने का फैसला कर लिया।
भडाना जानते थे कि उन्हें उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनावों में किस्मत आजमानी है। इसीलिए उन्होंने भाजपा को चुना। उनका यह फैसला ठीक भी रहा और मीरापुर क्षेत्र से पार्टी ने उन्हें टिकट दे दिया। मीरापुर क्षेत्र से इस समय बसपा के मौलाना जमील अंसारी विधायक हैं, लेकिन पार्टी सुप्रीमो मायावती ने उनका टिकट काट कर नवाजिश आलम पर भरोसा जाहिर किया है। भडाना को यहां बसपा के आलम के अलावा समाजवादी पार्टी के लियाकत अली और राष्ट:ीय लोकदल की मिथिलेश पॉल से लोहा लेना पड़ रहा है।
हरियाणा के उद्योग मंत्री विपुल गोयल और फरीदाबाद जिले में तिगांव विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार रहे राजेश नागर मीरापुर का दौरा कर लोगों से भडाना को विजयी बनाने का आग्रह कर चुके हैं। इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा एक लाख चार हजार वोट मुस्लिम समुदाय के हैं। गुर्जरों के 20 हजार, जाटों के 30 हजार, राजपूतों के 14 हजार और पॉल समुदाय के यहां 18 हजार वोट हैं। मीरापुर में चौकाना मुकाबला है। हरियाणा छोड़ उत्तरप्रदेश की राजनीति में पैर जमाने मुजफ्फरनगर पहुंचे भडाना को चुनाव लडऩे का लंबा अनुभव है, लेकिन मीरापुर क्षेत्र के मतदाताओं को वे कितना प्रभावित कर पाएंगे, यह 11 मार्च को चुनाव परिणाम आने पर ही साफ हो पाएगा।
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