गुरूग्राम। प्रदेश सरकार ने हरियाणा के सरकारी स्कूलों में ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान को आगे बढ़ाने के लिए बालिका मंच का गठन करवाया था। जिसमें प्रत्येक तीसरे शनिवार को इसके तहत जुलाई-2015 में बालिका मंच के माध्यम से माह के छात्राओं द्वारा ‘मन की बात’ कही जानी शुरू हुई। लेकिन बीते कुछ माह से सरकारी स्कूलों में लगातार आयोजित कार्यों होने के कारण बालिका मंच पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम पर फोकस नहीं हो पा रहा है।
गुरूग्राम जिला में 91 मिडल स्कूल, 49 हाई स्कूल और 69 सीनियर सैकेंंडरी स्कूल हैं, जिनमें से गल्र्स स्कूलों में शिक्षा विभाग के आदेशानुसार बालिका मंच पर ‘मन की बात’ होती है। हालांकि जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि जिला के स्कूलों में ‘मन की बात’ आयोजित हो रही है।
विभागीय आदेशों के अनुसार प्रदेश के स्कूलों में बालिका मंच के तहत प्रत्येक माह के तीसरे शनिवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम का आयोजन होता है। लेकिन पिछले कुछ समय से स्कूलों में बालिका मंच कार्यक्रम सही ढंग़ से नहीं हो पा रहा। जिला स्तर पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में व्यस्त होने के कारण जिला शिक्षा अधिकारी व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी भी नहीं पहुंच पाते। वहीं सभी स्कूलों द्वारा जिला शिक्षा कार्यालय को रिपोर्ट भी नहीं भेजी जाती।
जबकि शिक्षा विभाग ने बालिका मंच शुरू करने के दौरान इस संबंध में दिशा-निर्देश दिए थे, कि जिन स्कूलों में छात्राओं के लिए यह कार्यक्रम आयोजित नहीं होंगे। उन स्कूल इंचार्जों पर कार्रवाई की जाएगी।वर्ष 2015 के जुलाई माह में प्रदेश के सरकारी गल्र्स स्कूलों में बालिका मंच का गठन दो कैटेगिरी में किया गया है। पहली कैटेगिरी में छठी से आठवीं कक्षा और दूसरी कैटेगिरी में 9वीं से 12वीं कक्षा तक को शामिल गया।
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