2-
जन धन योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 अगस्त, 2014 को प्रधानमंत्री जन धन योजना का शुभारंभ
किया था. इस योजना में मोदी ने व्यक्तिगत रुचि दिखाई थी. जिन लोगों के बैंक में
किन्ही वजहों से खाते नहीं खुल पाते थे, उनके खाते खुल गए.
जिसकी वजह से पहले ही दिन देश भर में रिकॉर्ड 1.5 करोड़ बैंक खाते
खोले गए. योजना के तहत इस समय तक 25.45 करोड़ लोगों के बैक अकाउंट खुल गए हैं.इस
तरह दूर-दराज गांव के लोग जिनके पास बैंक अकाउंट नहीं था और वे अपने पैसे जमा नहीं
कर पाते थे,
उनको ये सुविधा मिली.
3-
कर संधियों की पुन: वार्ता और स्वत: सूचना विनिमय समझौते
काले धन की लड़ाई में सबसे प्रमुख रोड़ा था
लोगों द्वारा काला धान स्विस बैंकों में जमा करना. दो देशों की बीच होने वाले अहम
समौझते की वजह से भारत सरकार को ऐसे लोगों के नाम पता करने और उसका खुलासा करने
में समस्या आ रही थी. इसलिए मोदी सरकार ने स्विस बैंकों में रखे गए काले धन के
बारे में सूचना साझा करने के मकसद से भारत और स्विट्जरलैंड के बीच संशोधित दोहरा
कर बचाव संधि (डीटीएए) को अमल में लाने का प्रयास किया. डीटीएए के तहत कई देशों के
समझौते किए गए. आर्थिक सहयोग और विकास संगठन के देश साल 2017 से अपने वहां काला धन जमा करने वालों के नाम की लिस्ट देने के
लिए सहमत हो गए हैं.
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