हनुमानगढ़। पिछले चार-पांच दिन जहां एक हजार व पांच सौ रुपए के नोट बदलवाने के लिए बैंक शाखाओं के बाहर दिनभर कतारें व मशक्कत करते लोग नजर आ रहे थे वहीं सोमवार को अवकाश होने से उन सभी बैंकों के गलियारे सूने दिखे। शहर में कुछ एटीएम में सुबह-सुबह जरूर भीड़ दिखाई दी। लेकिन एक-दो घंटे के बाद वे भी हांफ गए। लोग नोट बदलने व पैसे जमा कराने के लिए परेशान रहे। वहीं जरूरत का सामान खरीदने के लिए बाजार में लोगों की भीड़ दिखाई दी। लेकिन बाजार में भी एक हजार व पांच सौ रुपए के पुराने नोट नहीं लिए जा रहे। जिन घरों में शादी समारोह का माहौल है, वे दिनभर नोटों की मशक्कत करते दिखाई दिए।
उनके माथे पर आयोजन को लेकर चिंता की लकीरें दिखाई दे रही थी। पेट्रोल पंपों पर पांच सौ व एक हजार के पुराने नोट लेने से वहां ग्रामीण उपभोक्ता ड्रमों के ड्रम डीजल भरवाकर ले जाते दिखे। बाजार में खुले नोट नहीं होने के कारण पर्ची सिस्टम चलने लगा है। दुकानदार ग्राहक को पर्ची पर बाकी रकम लिख रहे हैं। जो बाद में आकर ले जाने का आश्वासन दे रहे हैं। इसी तरह डॉक्टर कर रहे हैं। उधर, सोमवार को छुट्टी के दिन भी विद्युत बिल भरे गए तथा 500 व 1000 के पुराने नोट स्वीकार किए गए। जिला परिवन अधिकारी कार्यालय भी खुला तथा वाहन मालिकों के लिए कार्यालय में 500 व 1000 रुपए के नोट जमा कराने की सुविधा रही। इसके अलावा कार्यालय में अन्य नियमित कार्य भी किया गया। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों में परिवहन कार्यालय में बड़ी कर राशि जमा हुई है, जिसका प्रमुख कारण पुराने नोट बन्द होना रहा है। नोटबंदी के बाद से ही जिले में हालात खराब हैं। बैंकों में कई घण्टे इंतजार करने के बाद भी लोगों को बैरंग लौटना पड़ रहा है। इधर, सोमवार को छुट्टी के चलते न बैंक खुले और न ही कई एटीएम चले।
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