जेल प्रशासन ने कासिम की पत्नी आयशा खातून को अपने पति से शनिवार दोपहर में
मिलने के लिए कहा था। सरकारी अनुमति के बाद कासिम को फांसी पर चढ़ा दिया
जाएगा। शनिवार सुबह तक इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई थी।
जेल अधीक्षक प्रशांत कुमार बनिक ने बीडीन्यूज24 डॉट कॉम से शुक्रवार रात
कहा,जेल प्रशासन सरकार का आदेश मानने के लिए तैयार है। ऊपर से स्पष्ट
निर्देश मिलने के बाद फांसी दे दी जाएगी।
चटगांव में 1971 की आजादी की
ल़डाई के दौरान कासिम (63) के अत्याचारों के कारण उनका नाम बंगाली खान के
रूप में मशहूर हो गया था।
2014 में देश में विशेष तौर पर गठित अंतरराष्ट्रीय अपराध
न्यायाधिकरण(आईसीटी) ने अल बदर कमांडर के रूप में 1971 के आजादी के युद्ध
के दौरान उनके द्वारा किए गए अत्याचारों के लिए उन्हें मृत्युदंड की सजा
सुनाई थी। सर्वोच्च न्यायालय के अपीलीय खंड ने मंगलवार को उनकी आखिरी
समीक्षा याचिका नामंजूर कर दी थी।
(आईएएनएस)
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