तरकुलहा देवी का मंदिर गोरखपुर से 20 किलो मीटर की दूरी पर तथा चौरी-चौरा के पास स्थित हैं। तरकुलहा देवी मंदिर हिन्दू भक्तों का पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रमुख धार्मिक स्थल हैं।1857 के प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम से पहले इस इलाके में घनघोर जंगल हुआ करता था। इस जंगल में डुमरी रियासत के बाबू बंधू सिंह थे। यहां से गुर्रा नदी होकर गुजरती थी। नदी के तट पर तरकुल (ताड़) के पेड़ के नीचे पिंडियां स्थापित कर वह देवी की उपासना किया करते थे। तरकुलहा देवी बाबू बंधू सिंह की इष्ट देवी थी।
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