नई दिल्ली। म्यामांर के राखीन प्रांत में हराका अल याकिन (एचएवाई) नाम का एक नया आतंकवादी समूह अस्तित्व में आ गया है। इसमें रोहिंग्या संप्रदाय के मुस्लिम हैं। यह जानकारी ब्रसल्स के एक इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप (आईसीजी) ने दी है। बता दें कि म्यांमार में रोहिंग्या अल्पसंख्यक समुदाय है। पिछले काफी समय से बहुसंख्यक बौद्ध संप्रदाय के लोगों द्वारा इस समुदाय पर अत्याचार करने और इन्हें निशाना बनाए जाने की खबरें आ रही थीं। म्यांमार में एक नए आतंकवादी संगठन का पनपना भारत के लिए काफी चिंता की मसला है।
आईसीजी के मुताबिक, 9 अक्टूबर को म्यांमार के सीमा सुरक्षा गार्ड्स पर इसी संगठन ने कई हमले किए। यह भी कहा जा रहा है कि इस आतंकी संगठन का नेतृत्व कर रहे लोगों का सऊदी अरब और पाकिस्तान के साथ संबंध है। आईसीजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सऊदी अरब में रह रहे कुछ रोहिंग्या मुसलमानों की एक समिति एचएवाई का नेतृत्व कर रही है। म्यांमार में भी इस आतंकी संगठन की बागडोर रोहिंग्या समुदाय के मुसलमान ही संभाल रहे हैं। आईसीजी ने यह भी कहा है कि इस संगठन में शामिल आतंकियों को अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण के साथ फतवों का भी समर्थन हासिल है।
साथ ही, स्थानीय मुस्लिम समुदाय भी इन्हें समर्थन दे रहा है। आईसीजी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है, ‘एचएवाई को बढ़ावा देते हुए रोहिंग्या मौलवियों और कुछ विदेशी मौलवियों ने भी यह कहा है कि चूंकि राखीन प्रांत में मुस्लिम समुदाय पर अत्याचार किए जा रहे हैं, ऐसे में सुरक्षाबलों के खिलाफ कार्रवाई करना इस्लाम के मुताबिक है। इनका विरोध करना इस्लाम का विरोध करने जैसा है।’
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