जयपुर। कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार में खाद्य मंत्री रहे बाबूलाल नागर को सोमवार को उस वक्त बड़ी राहत मिली जब जयपुर एडीजी कोर्ट ने उन्हें रेप केस में बरी कर दिया। नागर पर सितंबर 2013 में एक महिला ने सरकारी आवास में रेप का आरोप लगाया था। करीब साढ़े तीन वर्ष तक पुलिस हिरासत में रहे नागर को कोर्ट ने सोमवार को बरी कर दिया। मंत्री रहते हुए नागर पर रेप के आरोप लगे थे इसलिए उन्हें 19 सितंबर 2013 को तत्कालीन मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद विपक्ष के दबाव में तत्कालीन गहलोत सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। [@ आस्था या अंधविश्वास! मात्र 11 रुपए में धुलते है ‘पाप’] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
यह है मामला
गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार में कद्दावर नेता बाबूलाल नागर पर एक युवती ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। घटना 11 सितम्बर 2013 की है, जिसमें नागर पर पीडि़त महिला को सरकारी आवास पर बुलाकर दुष्कर्म और मारपीट करने का आरोप था। सीबीआई ने महिला के साथ नौकरी का झांसा देकर रेप करने के मामले में 25 अक्टूबर 2013 में गिरफ्तार किया था। तब से नागर जेल में बंद थे। पीडि़ता ने आरोप लगाया था कि उसके किसी परिचित को नौकरी देने के बहाने नागर ने उसे अपने सरकारी आवास पर बुलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद 13 सितम्बर 2013 को अदालत के आदेश पर सोडाला थाना पुलिस ने मुक़दमा दर्ज किया था और राज्य सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी। सीबीआई ने जांच कर 9 अक्टूबर 2013 को नागर को गिरफ्तार किया था।
कांग्रेस मेरी मां बराबर
कोर्ट से बाहर आने के बाद नागर ने कहा कि उनकी पूरी निष्ठा कांग्रेस के साथ है। उन्होंने कहा कि जो उनके साथ हुआ है उसका कारण राजनीतिक द्वेषता है। नागर ने कहा कि मुझे पहले दिन से ही उम्मीद थी कि न्याय मिलेगा।
पीड़िता ने कहा न्याय नहीं मिला
दूसरी ओऱ पीड़ित महिला ने कोर्ट के बाहर आकर कहा कि मुझे न्याय नहीं मिला है। वे इस फैसले के खिलाफ अपील करेगी।
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