जयपुर। पंजाब की तर्ज पर राजस्थान के 12 आरटीओ मुख्यालयों में ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रायल ट्रैक बनेंगे। नियमित लाइसेंस के लिए इन्हीं ट्रैक पर लोगों को गाड़ी से ट्रायल देना होगा। सभी मुख्यालयों पर इसके लिए भूमि पहले से उपलब्ध है, अब प्रत्येक ट्रायल ट्रैक के लिए 40 से 45 लाख रुपए बजट स्वीकृत कर दिया गया है। परिवहन विभाग की टीम ने बीते साल हैदराबाद और चंडीगढ़ में ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रायल ट्रैक मॉडल का निरीक्षण कर तकनीकी जानकारी जुटाई थी। विशेषज्ञों के प्रजेंटेशन के बाद परिवहन विभाग ने इस मॉडल को स्वीकृति देकर बजट जारी कर दिया है। सितंबर 2016 में चंडीगढ़ मॉडल देखने गए एआरटीओ ज्ञानदेव विश्वकर्मा ने बताया कि यह मॉडल राज्य के लिए बेहतर होगा। ट्रायल ट्रैक में ढलान पर और रिवर्स गाड़ी चलाने, आठ और एच बनाने की स्किल का टेस्ट होगा। एक ट्रैक बनाने के लिए 500 से 800 मीटर क्षेत्र की जरूरत होगी। कम्प्यूटर में सॉफ्टेवयर फीड होगा। इसमें गाड़ी के हर मूवमेंट की गणना होगी कि किस स्किल में व्यक्ति ने कितना समय लिया, कहां गलती की। ट्रायल पूरा होने पर एक क्लिक में स्किल टेस्ट की रिपोर्ट मिल जाएगी। जयपुर आरटीओ कल्पना अग्रवाल का कहना है कि इससे नियमित लाइसेंस जारी होने की प्रक्रिया में और पादर्शिता आएगी। जयपुर, जोधपुर, अजमेर, उदयपुर, कोटा, बीकानेर, अलवर, सीकर, चित्तौडगढ़़, पाली, दौसा, भरतपुर में ये ट्रैक बनाए जाएंगे। [@ इस पुल पर पैदल जाओगे तो पकड लेगी पुलिस!] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
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