कानपुर।
कानपुर देहात के पुखरायां में बीते साल 20 नवम्बर को हुए ट्रेन हादसे की
जांच करने शुक्रवार लखनऊ की लैबोरेट्री व एटीएस के अधिकारी आए। जांच के
दौरान कानपुर व देहात की टीमों ने भी सहयोग किया। जांच में बिहार में पकड़े
गए साजिशकर्ता की पूछताछ में सामने आए तथ्यों को भी जुटाया। [@ दृष्टिहीन मुस्लिम ल़डकी को कंठस्थ है श्रीभागवत गीता] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
कानपुर के पुखरायां में इंदौर पटना एक्सप्रेस रेल हादसे और 28 दिसंबर को
रूरा कस्बे में हुए अजमेर सियालदाह रेल हादसे की जाँच में आतंकी साजिश का
खुलासा होने पर नये सिरे से जांच शुरू कर दी गई है। शुक्रवार लखनऊ से एटीएस
व लैबोरेट्री से जुड़े अफसर जांच करने पहुंचे।
जांच अधिकारी फोरेंसिक साइंस
लैबोरेट्री मुकेश चन्द्र शर्मा ने बताया कि बार-बार हो रहे रेल हादसों में
यह बात सामने आई है कि आतंकी संगठन आईएसआई का हाथ है। बिहार में गिरफ्तार
किए गए आईएसआई के गुर्गें मोती पासवान ने पूछताछ में बताया है कि 10 लीटर
वाले प्रेशर कुकर बम से ट्रैक उड़ाकर घटना को अंजाम दिया था। इसी की जाँच
के लिए एटीएस टीम लखनऊ से आई है। यहां पर विस्फोटक का फोरेंसिक परिक्षण
कराया गया है। यह जाँच इसलिए की गई है कि वहां विस्फोटक के कोई प्रमाण है
या नहीं।
जांच में क्या तथ्य सामने आए, इस पर फिलहाल लखनऊ से आई विधि
विज्ञान प्रयोगशाला के अधिकारी व एटीएस के अफसरों ने कुछ भी बोलने से इंकार
कर दिया है। लेकिन इतना साफ है कि यहां से कुछ अहम सबूत रेल हादसों को
लेकर जरूर मिले हैं।
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