शीर्ष सरकारी सूत्रों ने गुप्तचर सूचना के हवाले से कहा कि लश्करे तैयबा,
जैशे मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के 250 आतंकवादियों में से अधिकतर ने
लक्षित हमले से पहले 28 और 29 सितम्बर की दरमियानी रात को घुसपैठ की थी।
लक्षित हमले में उनके संगठनों को काफी नुकसान पहुंचा था। सूत्रों ने बताया
कि आतंकवादियों को सीमा पार स्थित उनके आकाओं ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि
वे लक्षित हमले का बदला लेने के लिए कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों को
निशाना बनायें।
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