चंडीगढ़।. देश के मशहूर चंडीगढ़ पीजीआई हॉस्पिटल में लापरवाही का एक बेहद गंभीर मामला सामने आया।
जहां पीजीआई के डॉक्टर्स ने एक जीवित महिला को मृत घोषित कर दिया और उसे
पोस्टमार्टम के लिए भी भेज दिया। हॉस्पिटल ने डेथ सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया था,
लेकिन जब 44 साल की महिला को परिजन पोस्टमार्टम के
लिए लेकर पहुंचे तो वहां उसकी सांसें चल रही थी। इसके बाद जब परिजनों ने शिकायत
दर्ज कराई तो महिला का दोबारा इलाज शुरू किया गया। लेकिन 72 घंटे
बाद गुरुवार रात महिला की मौत हो गई। मामला 7 नवंबर को शुरु हुआ था।
जानकारी
के मुताबिक, 44 वर्षीय कैलाशो देवी को किडनी की प्रॉब्लम की
वजह से उनके देवर हरविंदर ने पीजीआई की इमरजेंसी में भर्ती करवाया था। किडनी
खराब होने की वजह से कैलाशो देवी की डायलिसिस भी की गई, लेकिन
इमरजेंसी के डॉक्टर्स ने कैलाशो देवी को मृत घोषित कर दिया। कैलाशो
के परिजनों ने कैलाशो का डेथ सर्टिफिकेट बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी,
तभी पीजीआई के इमरजेंसी में तैनात स्टाफ ने देखा की कैलाशो की सांसें
चल रही थी।
जिसके बाद तुरंत कैलाशो की ईसीजी करवाई गई और पाया कि
कैलाशो की धड़कनें सामान्य ढंग से चल रही हैं। यह सुन वे डॉक्टर, जिन्होंने
पेशेंट को मृत घोषित किया था मौके से गायब हो गए। डॉक्टर्स के खिलाफ सख्त एक्शन लेंगे मृतक महिला के परिजनों ने कहा कि ये तो
लापरवाही की हद है। इसकी शिकायत पीजीआई के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉक्टर अनिल
गुप्ता को दी गई है। हमें भरोसा है कि पीजीआई प्रशासन मरीजों की जान के साथ ऐसा
मजाक करने वाले डॉक्टर्स के खिलाफ सख्त एक्शन लेंगे।
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