आजमगढ़। जनपद की नाट्य संस्था सूत्रधार संस्थान की एक आवश्यक बैठक गुरुवार को शारदा टॉकिज़ मडय़ा के डॉ. सी.के. त्यागी की अध्यक्षता में आहूत की गयी।
बैठक का संचालन करते हुये ममता पंडित ने रंगकर्मियों से कहा कि संस्था के सचिव व राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त रंगनिर्देशक अभिषेक पंडित को सतत् गम्भीर रंगकर्म करते हुये 20 वर्ष पूरे हो गए हैं। इस उपलक्ष्य
में 20 से 22 जनवरी 2017 तक स्थानीय शारदा टॉकिज में आरंगम-2017 का आयोजन किया जाना सुनिश्चित हुआ है। [@ बेटियों ने बढ़ाया देश विदेश में प्रदेश का मान, अब ज्वाॅइन की आर्मी]
पिछले 20 सालो में अभिषेक पंडित ने रंगमंच के प्रति अपने जूनून व समर्पण के बूते न केवल सूत्रधार का नाम राष्ट्रीय फलक पर रोशन किया है बल्कि इस क्षेत्र का नाम भी स्थापित किया है।
आजमगढ़ के रंगमंच को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने का श्रेय अभिषेक पंडित को ही जाता है। अभिषेक पंडित के नेतृत्व में आज से 12 वर्ष पूर्व प्रारम्भ किये गये आजमगढ़ रंग महोत्सव ने आज एक राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनायी है। इसलिये इस बार का आरंगम् उन्ही के नाटकों बटोही (हृषिकेश सुलभ), आषाढ़ का एक दिन (मोहन राकेश) व अन्धेर नगरी (भारतेन्दु हरिशचन्द्र) पर केन्द्रित है।
आरंगम् 2017 के सम्बन्ध में उन्होंने बताया कि इस राष्ट्रीय समारोह में शामिल होने के लिये देश के तीनों ही नाट्य विद्यालय के निदेशक क्रमश: वामन केन्द्रे(राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, नई दिल्ली), संजय उपाध्याय(मध्य प्रदेश नाट्य विद्यालय, भोपाल) व रमेशचन्द्र गुप्ता(भारतेन्दु नाट्य अकादेमी, लखनऊ) अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। इनके अतिरिक्त प्रख्यात समीक्षक दिवान सिंह बजेली, अजीत राय, संगम पाण्डेय के साथ-साथ हृषिकेश सुलभ, संजय सहाय, त्रिपुरारी शरण(चीफ सेक्रेटरी रेवेन्यू, बिहार सरकार) व मुकेश भारद्वाज भी शामील हो रहे है।
केन्द्रिय संगीत नाटक अकादेमी नई दिल्ली, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र इलाहाबाद व कालिदास अकादेमी उज्जैन के पदाधिकारियों की इस समारोह में शामिल होने की पूर्ण सम्भावना है। इस बार आरंगम् का यह 12वॉ वर्ष है और यह 12वॉ आरंगम् सूत्रधार रंगमंण्डल के अभिनेताओं की प्रस्तुतियों से सजाया जायेगा। साथ ही सूत्रधार की रंगयात्रा पर एक बृहद प्रदर्शनी व ``छोटे शहर के रंगकर्म वाया आज़मगढ़`` विषयक संगोष्ठी का आयोजन भी किया जा रहा है। यह आयोजन दर्शकों के लिये पूर्णत: निशुल्क है। इस बैठक में डा. अलका सिंह, सुग्रीव विश्वकर्मा, रणजीत कुमार, अरविन्द चौरसिया, नन्दकिशोर यादव, श्रवण सिंह राणा सहित सूत्रधार के लगभग 30 रंगकर्मी शामिल रहे।
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