सेना
प्रमुख ने मीडिया की भूमिका पर भी विस्तार से बात की। उन्होंने मीडिया के
रोल की तारीफ करते हुए कहा, ‘मीडिया लोगों को देश और सेना के बारे में
सूचनाएं देने का काम करती है। मीडिया की पारदर्शिता हमेशा उसे सैन्य बलों
की सहयोगी बनाती है। ऐसे कई पल आते हैं जब मीडिया और मिलिटरी के बीच सहमति
बनती है तो कई जगह असहमतियां होती हैं। ऐसे में एक आम सहमति पर पहुंचना
जरूरी है।’ सेना प्रमुख ने मीडिया से सहयोग की भी अपील की।
सेना को सक्षम बनाने की तैयारी
सेना
प्रमुख बिपिन चंद्र ने तकनीकी क्रांति का जिक्र करते हुए बताया कि भारतीय
सेना को नई चुनौतियों से निपटने के लिए सक्षम बनाया जा रहा है। हथियारों से
लेकर हर फील्ड में बेहतर तकनीक इस्तेमाल की जा रही है। सेना प्रमुख ने
जवानों या अफसरों से टीम भावना के साथ काम करने की अपील की।
सोशल मीडिया पर निशाना?
आर्मी
चीफ ने कहा कि अगर जवानों की समस्या का समाधान आंतरिक रूप से नहीं हो पाता
है तब वह चाहें तो इसे किसी भी माध्यम से उठा सकते हैं। उन्होंने इशारों
ही इशारों में सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर भी बात की। सेना प्रमुख ने कहा
कि सोशल मीडिया दोधारी तलवार है। इसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही
पहलू हैं। गौरतलब है कि हाल के दिनों में जवानों ने सोशल मीडिया का
इस्तेमाल कर अपनी शिकायतें सामने रखी हैं।
आर्मी के सामने कई चुनौतियां हैं
सेना
प्रमुख जनरल रावत ने कहा, ‘बॉर्डर पर हमारे सामने कई चुनौतियां हैं।
प्रॉक्सी वॉर को लेकर भी हम चिंतित हैं। यह देश के माहौल को खराब कर रहा
है। हम एक मजबूत आर्मी हैं और देश निर्माण के लिए कमिटेड हैं।’ पाक में
पकड़े गए जवान चंदू चव्हाण के बारे में रावत ने कहा, ‘पार सरकार ने भरोसा
दिलाया है कि वह उनके पास है। किसी भी अफसर के देश लौटाने का प्रोसीजर होता
है। इसी को फॉलो किया जाएगा।’
जनरल बख्शी से विवाद पर भी बोले
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