सेना प्रमुख ने जवान यज्ञप्रताप सिंह के वीडियो जारी करने पर कहा, सोशल
मीडिया पर वीडियो पोस्ट करने की बजाय जवानों को अफसरों को अप्रोच करना
चाहिए। बात को बाहर नहीं ले जाना चाहिए। हम जवान के वीडियो की जांच
कराएंगे। आर्मी हेडक्वार्टर और बाकी कमांड्स में सुझाव और शिकायत के लिए
बॉक्स हैं। जवान चाहें तो शिकायतें उसमें डाल सकते हैं। शिकायतें दूर करने
के लिए कार्रवाई होगी। किसी भी जवान को किसी भी तरह की शिकायत हो तो मुझे
सीधे कह सकता है। अगर जवान कार्रवाई से खुश नहीं रहता, तो दूसरे रास्ते
अख्तियार करने का हक है। उन्होंने कहा, 12 लाख से ज्यादा हमारी फौज है। कई
बार शिकायतें होती हैं, लेकिन उसका खुले तौर पर डिटेल नहीं दिया जाता। जवान
खुले तौर पर अपनी बात नहीं कह पाते। उनकी बात दबी रह जाती है। सेना प्रमुख
ने कहा कि हम सुनिश्चित करेंगे कि शिकायतकर्ता की पहचान उजागर न की जाए। [@ हिमाचल कांग्रेस में छिड़ी राजनेताओं के रिटायरमेंट की जंग]
बता
दें कि वीडियो में जवान लांस नायक यज्ञप्रताप सिंह ने अफसरों पर हरेसमेंट
का आरोप लगाया था। वीडियो में सिंह ने कहा, ‘लेटर लिखने के बाद पीएमओ की
तरफ से जांच करवाने का आर्डर आया। लेकिन मुझे कोर्ट मार्शल के लिए बुला
लिया गया। मैंने तो बस यही कहा था कि अफसरों के जूते पॉलिश कराए जा रहे हैं
और कुत्तों को घुमाने हमें भेजा जा रहा है।’
मीडिया की भूमिका पर बोले
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