बलवंत तक्षक
चंडीगढ़। आरक्षण के लिए हरियाणा में जाटों की लड़ाई के आगे भी जारी रहने के आसार हैं। आरक्षण के लिए लंबे समय से जद्दोजहद कर रहे जाटों का मानना है कि भाजपा सरकार अपने वादों पर अमल नहीं कर पाई है। आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए मुकदमे वापस नहीं लिए गए हैं और गिरफ्तार किए गए युवकों को भी वादे के मुताबिक रिहा नहीं किया गया है। आंदोलन के दौरान 31 युवकों के मारे जाने के बावजूद जाटों की आरक्षण हासिल करने की इच्छा अभी तक पूरी नहीं हुई है। ऐसे में समुदाय के लोग नए सिरे से आंदोलन के लिए कमर कस रहे हैं।
आरक्षण आंदोलन की चेतावनी के बीच इस दफा सरकारी मशीनरी सचेत है। आंदोलन के हिंसक होने की सूरत में पुलिस के सख्ती बरतने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। पिछली बार आरक्षण आंदोलन के दौरान हरियाणा को करोड़ों रुपए की संपत्ति का नुकसान झेलना पड़ा था। आंदोलन की आग ऐसी भडक़ी कि पुलिस अफसरों ने जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया था। ऐसा लगा, जैसे अपराधी तत्वों को आगजनी और लूटपाट की खुली छूट दे दी गई है। आरक्षण की आग में झुलसे बहुत से परिवारों के घाव अभी तक हरे हैं।
मनोहर सरकार ने आरक्षण आंदोलन के दौरान वादा किया था कि जाट समुदाय के लिए दस फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की जाएगी। हरियाणा विधानसभा सत्र के दौरान अपने वादे के मुताबिक भाजपा सरकार ने आरक्षण संबंधी बिल भी पारित करवा दिया। इस फैसले को पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई और यह मामला अभी भी अदालत में विचाराधीन है। जाट समुदाय को आरक्षण के फैसले पर लगी रोक हटने का इंतजार है और मनोहर सरकार की भी यही कोशिशें हैं कि स्टे हट जाए। इस मामले पर आगे सुनवाई अब जनवरी में होगी।
जाटों ने आरक्षण के लिए पहले धरने-प्रदर्शनों के जरिये राज्य सरकार का ध्यान खींचने के प्रयास किए। फिर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का दरवाजा खटखटाया। आंदोलन का सहारा लिया तो स्थितियां बिगड़ीं और राज्य के भाईचारे में दरार आई। आंदोलनकारियों की मुख्यमंत्री से सकारात्मक बातचीत के बाद आरक्षण देने पर सहमति बनी। आरक्षण दिया भी गया, लेकिन जाट समुदाय के युवकों को अभी इसका लाभ नहीं मिल पाया है। अब एक बार फिर जाट संघर्ष समिति सडक़ पर उतर रही है।
नए सिरे से आंदोलन की शुरुआत 23 दिसंबर को सांपला से न्याय यात्रा के जरिये की जाएगी। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के बैनर तले होने वाली न्याय यात्रा से पहले सांपला में एक जनसभा का आयोजन किया जाएगा। इसकी अध्यक्षता समिति के राट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक करेंगे। भले ही आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चलाने का दावा किया जा रहा है, फिर भी पुलिस प्रशासन के इस बार पहले से ज्यादा चौकस रहने की उम्मीद की जा रही है, ताकि लोगों को जान-माल का कोई नुकसान न हो।
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