फरीदाबाद।
हरियाणा के एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय राजा नाहर सिंह स्टेडियम, जो सन् 2006
तक 8 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों का गवाह बन चुका है, उस पर जहां पहले
हरियाणा क्रिकेट संघ जमकर राजनीति कर रहा था।
अब खट्टर सरकार रही सही कसर
को पूरा करते हुए वहां तहसील कार्यालय बनवाने जा रही है, जो हमारी इस
राष्ट्रीय धरोहर के साथ सरासर अन्याय है। इससे तो कहीं अच्छा होता कि सरकार
स्टेडियम को बंद करवाकर यहां कमर्शियल काम्पलैक्स बनवा दे, जिससे सरकार को
बैठे-बैठे करोड़ों रूपए का फायदा हो सकता है। उक्त उद्गार पूर्व हरियाणा
रणजी क्रिकेटर एवं आलोचक संजय भाटिया ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि
स्टेडियम में पिछले 10 सालों से अंतरराष्ट्रीय मैच तो दूर की बात जिला स्तर
के मैच भी हरियाणा क्रिकेट संघ अपनी औछी राजनीति के चलते नहीं होने दे
रहा। दूसरी तरफ जहां भाजपा सरकार हरियाणा में खेलों और खिलाडियों के
उत्थान की बात करती है, उसका यह फरमान ही यह बतलाने के लिए बहुत है कि
सरकार की दशा और दिशा खिलाडियों व खेल के मैदानों के प्रति क्या है।
स्टेडियम को लेकर पिछले साल खट्टर साहब का यह कहना कि हम नाहर सिंह
स्टेडियम का खोया हुआ स्वरूप दोबारा वापिस लाएंगे और अब सरकार द्वारा लिया
गया यह भ्रमित करने वाला फैसला सरकार की सच्चाई बयान कर रहा है।
भाटिया ने कहा कि स्टेडियम में सुबह व शाम सैकड़ों बच्चे खेलने आते है और
तहसील बनने से न केवल स्टेडियम को नुकसान पहुंचेगा बल्कि खिलाडिय़ों के
अभ्यास पर भी गलत असर पड़ेगा। इस बारे में उन्होंने मुख्यमंत्री श्री मनोहर
लाल खट्टर व खेलमंत्री अनिल विज को इस सारे घटनाक्रम से अवगत करवाने
के लिए पत्र लिख दिया है और प्रदेश के खिलाडिय़ों व खेलप्रेमियों को उम्मीद
है कि सरकार अपने इस फैसले को बदलकर तहसील कार्यालय अन्य जगह स्थानांतरित
करेगी।
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