लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह मंगलवार को प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भाजपा के दलित प्रेम को नई धार
देने पहुंचे। उन्होंने यहां एक दलित के घर आयोजित समरसता भोज में कुछ
पार्टी पदाधिकारियों के साथ भोजन किया। लेकिन विरोधियों ने शाह की आलोचना
की और उनके दलित प्रेम को ढोंग और नौटंकी करार दिया है।
शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के सेवापुरी
विधानसभा क्षेत्र में जोगियापुर गांव में गिरिजा प्रसाद बिंद नामक दलित के
घर दोपहर का भोजन किया। शाह ने इससे पहले उज्जैन के सिंहस्थ महाकुंभ में
दलित संतों के साथ शिप्रा नदी में स्त्रान किया था।
अखिलेश बोले,दलितों के घर खाने का ढोग...
शाह के इस दलित प्रेम को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ढोंग
करार दिया। अखिलेश ने लखनऊ में संवाददाताओं से कहा, सपा के नेता दलितों के
घर खाना खाने का ढोग नहीं करते। इसके पहले भी एक नेता दलितों के घर बिसलरी
की बोतल के साथ खाना खा चुके हैं। चुनाव में परिणाम क्या आया, किसी से छिपा
नहीं है। अखिलेश का इशारा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की ओर था। सपा
नेता ने कहा कि मजदूर दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने भी मजदूरों के
साथ खाना खाया था, लेकिन बगल में बैठी महिला मजदूर से उन्होंने उसकी जाति
नहीं पूछी थी।
मायावती ने कहा,भाजपा चाल,चरित्र से जातिवादी...
पूर्व मुख्यमंत्री व बसपा प्रमुख मायावती ने भी शाह पर निशाना साधा और उनके
दलित प्रेम को नौटंकी करार दिया। मायावती ने कहा, भाजपा नेता का यह दलित
प्रेम सिर्फ नौटंकी के सिवा और कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा कभी भी
दलितों की हितैषी नहीं हो सकती।
मायावती ने हरियाणा का उदाहरण देते कहा,भाजपा शासित राज्य में बसपा के
जन्मदाता कांशीराम की प्रतिमा तोडने की घटना होती है और हरियाणा सरकार ने
दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई नहीं की।
मायावती ने कहा,भाजपा आज से नहीं बल्कि जनसंघ के समय से ही अपने चाल,
चरित्र व चेहरे से हमेशा ही जातिवादी प्रवृत्ति की रही है और इनकी
दलित-विरोधी मानसिकता के कारण ही यहां दलित व पिछडे समाज के लोगों को
अपूरणीय क्षति हुई है।
कांग्रेस ने बताया नौटंकी...
कांग्रेस ने भी शाह के दलित प्रेम पर सवाल खडा किया। कांग्रेस के प्रदेश
प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि अच्छा होता कि शाह दलितों के घर खाना
खाने के बजाय उन्हें अपने घर बुलाकर खाना खिलाते। राजपूत ने कहा, इसे
नौटंकी नहीं तो और क्या कहेंगे। दलितों के घर खाना खाने से उनका उद्धार
नहीं होगा। ये लोग सिर्फ दलितों को ठगने का काम कर रहे हैं। इनका दलित
प्रेम महज दिखावा है।
(आईएएनएस)
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