शिमला। परिवहन मंत्री जीएस बाली ने कहा
है कि राज्य परिवहन विभाग सभी प्रकार के कर तथा परिसम्पत्तियों, आवासों अथवा दुकानों का देय किराया 24 नवंबर तक 500 व 1000 रुपये की पुरानी मुद्रा में स्वीकार करेगा।
बाली ने कहा कि परिवहन विभाग तथा निगम
को देय अदायगियों में मुख्य रूप से पंजीकरण शुल्क, अन्य सभी प्रकार का शुल्क, टोकन टैक्स, विशेष सड़क कर व जुर्माना इत्यादि शामिल हैं। उन्होंने इस संबंध में विभागीय
अधिकारियों को भी निर्देश जारी किए हैं।
शहरी निकाय स्वीकार करेंगे पुरानी करंसीः प्रदेश के सभी शहरी निकायों में एक हजार व पांच सौ के पुराने नोट गृहकर, दुकान किराया व किसी भी प्रकार के टैक्स की अदायगी के रूप में जमा करवाए जा
सकते हैं। शहरी विकास विभाग के निदेशक डा. आरके पुर्थी ने बताया कि सरकार ने यह निर्णय
लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा अथवा परेशानी से बचाने के लिये लिया है।
उन्होंने जानकारी दी कि इन नोटों को
शहरी स्थानीय निकायों के कार्यालयों द्वारा 24 नवम्बर तक स्वीकार किया जाएगा। उन्होंने शहरों के लोगों से आग्रह किया है कि
वे शहरी स्थानीय निकायों के कार्यालयों में समय पर अपने देय करों की अदायगी करें।
बिजली भुगतान में चलेंगे पुराने नोटः धर्मशाला (कांगड़ा)। विद्युत उपमण्डल सिद्धपुर के सहायक अभियंता सुरेश कौंडल
ने बताया कि विद्युत उपमण्डल सिद्धपुर के अंतर्गत सभी विद्युत उपभोक्ता 24 नवम्बर तक विद्युत बिलों के भुगतान के लिए 500 व 1000 रुपये के नए व पुराने नोट जमा करवा
सकते हैं। उन्होंने विद्युत उपभोक्ताओं से अनुरोध किया है कि वह अपने बिल शीघ्र
जमा करवाएं अन्यथा बिल का भुगतान न होने पर विभागीय कार्यवाही के बाद मीटर का कनैक्शन
अस्थाई तौर पर काट दिया जाएगा।
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