नोएडा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री युवा हैं और
उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। इसलिए उम्मीद की जाती है कि वे अंधविश्वास
और टोटके वगैरह नहीं मानते होंगे। हालांकि अपने करीब पौने पांच साल के कार्यकाल
में अखिलेश यादव ने एक टोटके की वजह से नोएडा से दूरी बनाए रखी है। नोएडा के बारे में
कहा जाता है कि जो भी मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल में नोएडा आता है, वह
दोबारा सत्ता में नहीं आता। उसकी हार तय मानी जाती है।
लेकिन अब चुनाव से ऐन
पहले अखिलेश इस अंधविश्वास को तोड़ने वाले हैं। बताया जा रहा है कि वे अपनी विकास
यात्रा लेकर नोएडा भी जाएंगे। उनके एक करीबी नेता का कहना है कि जो लोग नोएडा नहीं
जाते हैं, वे भी तो चुनाव हारते
हैं। जैसे 2007 से 2012 के बीच मुख्यमंत्री रहीं मायावती नोएडा नहीं गईं, इसके बावजूद 2012 में चुनाव हार गईं। इसी तरह 2007 से
पहले मुलायम सिंह भी नोएडा नहीं गए, लेकिन चुनाव हार गए। इसलिए अखिलेश की टीम इस टोटके को
तोड़ना चाहती है।
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