उमाकांत त्रिपाठी [@ Punjab election-कौन करेगा राज, किसके सिर होगा मुख्यमंत्री का ताज...]
नई दिल्ली। आखिर पिता-पुत्र की लड़ाई में धरती पुत्र
को धरती पर उतारते हुए अखिलेश यादव साइकिल पर सवार हो चुनावी रण में आ गए।
कल चुनाव आयोग ने साइकिल (पार्टी का सिंबल) और पार्टी का नाम दोनों अखिलेश
यादव को देते हुए उनके पक्ष में फैसला सुनाया। इस तरह उत्तर प्रदेश के
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और
सुप्रीमो बन गए जोकि कुछ दिन पहले पार्टी के निर्माणकर्ता उनके पिता धरती
पुत्र कहे जाने वाले मुलायम सिंह यादव थे।
गौरतलब है कि अखिलेश यादव के
पक्ष में फैसला सुनाये जाने का सबसे बड़ा कारण उनके समर्थन में ज्यादा
लोगों का होना था। लगभग 90 प्रतिशत लोग अखिलेश यादव के पक्ष में थे जबकि
कुछ गिने-चुने लोग ही मुलायम खेमे में खड़े दिखे। इसके अलावा 8 दिनों में
मुलायम सिंह यादव एक भी हलफनामा नहीं जमा करा पाए जबकि वहीं अखिलेश यादव के
हलफनामे में 195 एमएलए, 4 लोकसभा सांसद और 11 राज्यसभा सांसदों के दस्तखत
थे। मुलायम सिंह यादव का सम्मान करने वाले लोग भी अखिलेश यादव को आदर्श मान
उनके खेमे में जा मिले। मौके की इस राजनीति में अखिलेश विजयी रहे और अब
उनके पास राजनीति का मौका है।
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