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कानपुर। चुनाव आयोग के नियमों से मिली ताकत के बाद आखिरकार जीआईसी ने सीएम अखिलेश और राहुल गांधी की रैली का किराया तय कर दिया। इसके साथ ही जिला प्रशासन को 6.60 लाख रूपए का पत्र भेज दिया। जिसके बाद अब प्रशासन तय करेगा कि किराया पार्टी से लिया जाय या प्रत्याशियों के खर्चें में जोड़कर लिया जाय।बताते चलें कि पांच फरवरी को सीएम अखिलेश यादव व कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की संयुक्त रैली चुन्नीगंज स्थित राजकीय इंटर कॉलेज में हुई थी। रैली के लिए जीआईसी को कोई किराया नहीं दिया गया था।
जिसके बाद मीडिया में खबरें आई तो जीआईसी ने आचार संहिता के नियमों की जानकारी के लिए कानूनी सलाह लेना शुरू किया। जिससे पता चला कि आचार संहिता के दौरान अगर किसी सरकारी भवन या स्कूल में किसी पार्टी की जनसभा या रैली होती है तो किराया देना अनिवार्य है। जिसके बाद वरिष्ठ प्रवक्ता अशफाक अहमद खान ने केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग, लोक निर्माण विभाग व रजिस्ट्री दफ्तर से मैदान के किराये के लिए मानक मांगा। खान ने बताया कि विभागों के मानकों के बाद यह तय हुआ है कि मैदान का किराया 6.60 लाख हुआ। कहा कि बुधवार को कॉलेज की तरफ से पत्र बनाकर जिला प्रशासन को भेज दिया गया है। एडीएम वित एवं राजस्व संजय चौहान ने बताया कि किराये का पत्र मिल गया है और कांग्रेस व समाजवादी पार्टी को भेजा जा रहा है। कहा कि अगर पार्टी किराया नहीं देती तो चुनाव आयोग के नियमों के तहत दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों के खर्चे में जोड़कर वसूला जाएगा।
तय हुआ 50 रूपया वर्ग मीटर
प्रवक्ता अशफाक अहमद खान ने बताया कि संबंधित सभी विभागों से जानकारी के बाद यह पता चला कि सरकारी भवन का किराया 20 रूपए वर्ग फुट है। पर मैदान का कोई मानक नहीं मिल सका। इसलिए कॉलेज ने तय किया है कि 50 रूपए वर्ग मीटर की दर से किराया लिया जाय। इस हिसाब से रैली स्थल का किराया 6.60 लाख रूपया होता है। कहा कि रैली कॉलेज के 13 हजार दो सौ वर्ग मीटर मैदान में हुई थी।
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