हिमाचल प्रदेश में करसोग घाटी के ममेल गांव में स्थित ममलेश्वर मंदिर में गेहूं का अनूठा 200 ग्राम का दाना आज भी देका जा सकता है। लोक मान्यताओं के अनुसार यह दाना महाभारत काल का यानी 5000 साल पुराना है। लोग मंदिर में देवता के साथ इस दाने की भी पूजा करते हैं।
इस मंदिर का संबंध पांडवों से भी जोड़ा जाता है। कहा जाता है कि पांडवों ने अपने अज्ञातवास का कुछ समय इसी गांव में बिताया था। इस मंदिर में एक प्राचीन ढोल भी है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह भीम का ढोल है। इसके अलावा मंदिर में स्थापित पांच शिवलिंगों के बारे में कहा जाता है कि इनकी स्थापना स्वयं पांडवों ने की थी।
गेहूं का यह अनूठा दाना पुजारी के पास रहता है। यदि आप मंदिर में जाएं और आपको यह देखना हो तो आपको इसके लिए पुजारी से कहना पड़ेगा। इस गेहूं का यह भी मान्यता है कि यह दाना महाभारत काल का यानी 5000 साल पुराना है। यही नहीं पुरातत्व विभाग भी इन सभी चीजों के अति प्राचीन होने की पुष्टि कर चुका है।
अखिलेश कैबिनेट ने लिए कई महत्वपूर्ण फैसले, पढ़े कौन से प्रस्ताव हुए मंजूर
क्या मतदान से पहले कुमारी शैलजा को मिल गया सोनिया गांधी का भरोसा, अब हुड्डा का क्या होगा?
उत्तर प्रदेश में अपराधी बेलगाम, सरकार की शह पर निर्दोष लोगों पर हो रही कार्रवाई : अखिलेश यादव
भाजपा इल्जाम लगाने में माहिर, सावरकर ने अंग्रेजों से मांगी थी माफी : तारिक अनवर
Daily Horoscope