चेन्नई। देश के एक अग्रणी बैंक संघ के शीर्ष नेता ने कहा है कि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शनिवार को दिया गया भाषण आवेश और क्रोध से
भरा हुआ था और बिल्कुल अर्थहीन था। उन्होंने कहा कि नववर्ष की पूर्व संध्या
पर प्रधानमंत्री के संबोधन में नोटबंदी के बाद पैदा हुई नकदी की समस्या पर
असली सवाल का जवाब देना ही भूल गए कि यह समस्या आखिर कब खत्म होगी।
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अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने
कहा,प्रधानमंत्री का भाषण सिर्फ आवेग और क्रोध से भरा हुआ था और अर्थहीन
था। देशवासियों को उम्मीद थी कि वह बैंकों से धन निकालने पर लगे प्रतिबंध
की सीमा हटाने की घोषणा करेंगे। लेकिन उन्होंने इस पर कुछ नहीं कहा।
वेंकटचलम ने कहा,हम उन बैंक कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए
सरकार का स्वागत करते हैं, जो भ्रष्टाचार में लिप्त रहे।
मोदी द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के 7.5 लाख रूपये से अधिक के सावधि जमा खातों
पर आठ फीसदी ब्याज दर दिए जाने की घोषणा पर वेंकटचलम ने कहा कि इस जमा खाते
के लिए 10 वर्ष की अवधि निर्धारित करना सही नहीं है।
(आईएएनएस)
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