चेन्नई। शशिकला शाम करीब साढे पांच बजे बेंगलुरू पहुंचीं जहां सेंट्रल जेल में जज
पहले से मौजूद थे। लेकिन जेल के बाहर उनके समर्थकों की उतनी भीड नहीं थी
जितनी भीड जसललिता के सरेंडर करने के समय एकत्र हुई थी। [@ बीजेपी से खफा हुए बापू के साधक, नहीं करेंगे मतदान] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा शशिकला को सरेंडर के लिए वक्त देने से मना
करने के बाद शशिकला सरेंडर करने के लिए निकल चुकी हैं। सरेंडर करने जाने से
पहले शशिकला तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की समाधि पर पहुंची।
शशिकला ने अम्मा की समाधि पर प्रार्थना की, फूल चढाए और माथा टेका। इसके
बाद शशिकला सरेंडर करने बेंगलुरु के लिए रवाना हो गई। गौरतलब है कि आय से
अधिक संपत्ति के मामले में शशिकला को कल सुप्रीम कोर्ट ने 4 साल की सजा
सुनाई है।
भतीजे को बनाया उप महासचिव
जेल जाने से पहले शशिकला ने
नया दांव खेल दिया। शशिकला ने अपने भतीजे दिनाकरन को एआईएडीएमके का उप
महासचिव बनाया है। अब शशिकला की गैरमौजूदगी में दिनाकरन ही पार्टी की कमान
संभालेंगे।
कोर्ट ने कल फैसला सुनाते हुए शशिकला को तुरंत सरेंडर करने को कहा था लेकिन शशिकला ने कल सरेंडर नहीं किया। इस पर शशिकला ने सुप्रीम कोर्ट से सरेंडर करने के लिए थोडा वक्त मांगा था। शशिकला ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उन्हें कुछ काम है इसलिए उन्हें सरेंडर करने के लिए थोडा वक्त दिया जाना चाहिए।
लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने शशिकला को सरेंडर के लिए वक्त देने से इंकार कर दिया। कोर्ट में सरेंडर करने के बाद शशिकला को सेंट्रल जेल की उसी बैरक में रखा जा सकता है जहां जयललिता और बी.एस. येदियुरप्पा को रखा गया था।
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