नई दिल्ली। भारतीय आईटी इंडस्ट्री के सामने अब एच-1बी वीजा के अलावा भी दो
ऎसी चुनौतियां सामने आई हैं, जो आने वाले दिनों में चिंता का का कारण बन
सकती हैं। अमेरिकी संसद में बीते दो सप्ताह के दौरान दो ऎसे विधेयक पेश हुए
हैं, जो घरेलू टेक सेक्टर की संभावनाओं पर असर डाल सकते हैं। एच-1बी वीजा
बिल में जहां न्यूनतम वेतन को 60,000 अमेरिकी डॉलर से 1,30,000 अमेरिकी
डॉलर करने का प्रस्ताव है।
वहीं, आउटसोर्सिग समापि्त अधिनियम में राज्यों
की ओर से आउटसोसिंग पर रोक लगाने का प्रावधान प्रस्तावित है।
इसके अलावा 2007 के एक विधेयक को भी सीनेटर चक ग्रैसली और डिक डर्बिन की ओर
से दोबारा पेश किया गया है। इसमें एच-1बी वीजा प्रोग्राम के प्रावधानों को
दोबारा से तय करने की मांग की गई है। यह बिल ऎसे वक्त में पेश किया गया
है, जब इस बात की चर्चाएं चल रही हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप
एच-1बी वीजा नियमों में सुधार को लेकर कार्यकारी आदेश जारी कर सकते हैं।
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