न्यायमूर्ति वी. एम.
कनाडे और न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-धेरे की खंडपीठ ने 26 अगस्त को फैसला
सुनाते हुए महिलाओं को दरगाह के प्रतिबंधित मजार क्षेत्र में प्रवेश की
अनुमति दे दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने 24 अक्टूबर को महिलाओं और पुरुषों
को समान अधिकार के आधार पर अपने फैसले में महिलाओं को दरगाह में प्रवेश की
अनुमति दी थी।
नियाज ने कहा, ‘‘यह समानता, लैंगिक भेदभाव खत्म करने
और हमारे संवैधानिक अधिकारों को समाप्त करने की लड़ाई थी। हम खुश हैं कि अब
महिलाओं और पुरुषों को पवित्र गर्भगृह में प्रवेश का समान अधिकार
मिलेगा।’’
(आईएएनएस)
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