मुंबई।मुंबई की हाजी अली दरगाह के अंदरूनी हिस्से में जाने पर प्रतिबंध हटने के
बाद आज यहां पहली बार महिलाओं ने प्रवेश किया। दो साल पहले भारतीय मुस्लिम
महिला आंदोलन ने दरगाह के मुख्य हिस्से में महिलाओं के प्रवेश पर लगे
प्रतिबंध को चुनौती दी थी।
24 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट दरगाह के अंदरूनी हिस्से में महिलाओं को जाने
की अनुमति दी थी। भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन की सह-संस्थापक साफिज नियाज
के मुताबिक, देशभर की करीब 80 महिलाएं वहां जाएंगी और चादर और फूल चढाएंगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि था अगर दरगाह के एक पॉइंट तक पुरूषों को जाने की
इजाजत है और महिलाओं को नहीं तो ये दिक्कत की बात है।
मामले की सुनवाई के दौरान दरगाह की ओर से बताया गया था कि ट्रस्ट ने
प्रस्ताव पास किया है कि बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा।
ट्रस्ट महिलाओं को प्रवेश देगा। इसके लिए रूपरेखा भी तैयार की गई है। इस पर
चीफ जस्टिस ने कहा था कि अगर ट्रस्ट महिलाओं को प्रवेश देने को तैयार है
तो फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की क्या जरूरत है।
जून
2012 तक महिलाओं को मुस्लिम संत सैयद पीर हाजी अली शाह बुखारी की मजार के
गर्भगृह तक प्रवेश की अनुमति थी, लेकिन उसके बाद गर्भगृह में महिलाओं के
प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। वर्ष 2014 में बीएमएमए और कई अन्य ने हाजी अली
दरगाह के इस कदम को अदालतों में चुनौती दी थी।
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