गुरुग्राम। बस स्टैंड को कंडम घोषित किए छह महीने से भी अधिक होने को हैं। लेकिन, अब तक डीटीसी स्टाफ को एक टिकट काउंटर उपलब्ध नहीं कराया गया। इससे उन्हें काफी परेशानी होती है। आलम यह है कि शाम ढलने के बाद यह भी पता नहीं चल पाता है कि यहां कोई डीटीसी का काउंटर है भी या नहीं। जबकि डीटीसी की ओर से हरियाणा रोडवेज को स्टैंड फीस के रूप में मोटी रेवेन्यू मिलती है। इसके बाजवूद इन्हें दी जाने वाली सुविधाओं पर रोडवेज का ध्यान नहीं है। वहीं यहां से डीटीसी की बसें चलने से पैसेंजर को भी एक बड़ी राहत मिलती है। आश्चर्य की बात यह है कि जीएम, टीएम व एसएस तक यहां का जायजा लेते रहते हैं। [@ Breaking News : अब घर बैठे पाए Free JIO sim होम डिलीवरी जानने के लिए यहाँ क्लिक करे] [@ अनाथ और गरीब बच्चों के मन की मुराद पूरी कर रहा है साई सौभाग्य मंदिर]
आपकों बता दें कि दिल्ली से गुरुग्राम से बस स्टैंड के लिए 80 के करीब डीटीसी की बसें चलती हैं। यह बसें दिल्ली के विभिन्न एरिया से गुरुग्राम के प्रतिदिन 290 चक्कर लगती हैं। जिसके एवज में हरियाणा रोडवेज को प्रति ट्रिप 57 रुपये देती हैं। डीटीसी अधिकारियों की मानें तो प्रति दिन के हिसाब से 50 हजार के करीब भी यह राशि हो जाती है। वे कहते हैं कि महीने में डीटीसी की ओर से हरियाणा रोडवेज को 15 लाख के करीब सिर्फ बस स्टैंड फीस दी जाती है। इसके अलावा यहां के पैसेंजर को डीटीसी बस की सुविधा भी मिलती है।
बावजूद यहां डीटीसी स्टाफ को एक काउंटर तक नहीं दिया गया। डीटीसी अधिकारी ने नाम न छापने के शर्त पर बताया कि जब भी इस बात को रोडवेज अफसरों के सामने उठाया जाता है तो वे कहते हैं यहां से डीटीसी बस सेवा ही बंद कर दो। जबकि इन बसों के चलने से गुरुग्राम के पैसेंजर को काफी सुविधा मिलती है। उधर, जीएम जयदीप कुमार कहते हैं कि उसके आने से पहले का मामला है। उन्हें इस तरह के कमिटमेंट की कोई जानकारी नहीं है।
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