कानपुर। घाटमपुर में हुई वकील की हत्या के विरोध में अधिवक्ता संघ उतर आया। सोमवार को कचहरी में हड़ताल कर कोई भी कामकाज नहीं होने दिया। अधिवक्ताओं का कहना है कि जब पुलिस कानून के सलाहकारों की हिफाजत नहीं कर सकती तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कानून-व्यवस्था किस कदर पटरी से उतर गई है। [@ यूपी चुनाव : 562 परिवार भयभीत, 583 बाहुबलियों पर शिकंजा] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
शनिवार देर रात घाटमपुर थाना के अमौर गांव के रहने वाले एडवोकेट विजय शंकर पाण्डेय उर्फ बबोले की अज्ञात बदमाशों ने घर पर डाका डालकर हत्या कर दी थी। विजय शंकर कानपुर नगर व नर्वल में प्रैक्टिस करते थे।
हत्या के लगभग 30 घंटे के बाद भी हत्यारों से दूर पुलिस को देख अधिवक्ता संघ सड़क पर उतर आया। अधिवक्ताओं ने कचहरी में हड़ताल कर दी। अधिवक्ता शिवभगवान गोस्वामी ने कहा कि जनपद में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है और लगातार यहां पर अपराध बढ़ रहें हैं। अपराधियों से साठगांठ कर पुलिस वूसली में जुटी हुई है। अधिवक्ता राजेश वर्मा ने कहा कि अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि कानून के सलाहकार असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इसका अधिवक्ता संघ पुरजोर विरोध करेगा।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष तरूणेन्द्र बाजपेयी ने कहा कि अगर 24 घंटे के अंदर हत्यारे नहीं पकड़े जाते तो मजबूर होकर अधिवक्ता संघ किसी भी हद तक जा सकता है।
कहीं जमीनी विवाद तो नहीं
पुलिस भले ही अधिवक्ता के हत्यारों तक अभी नहीं पहुंच सकी हो पर पुलिस अधिवक्ताओं के विरोध को दरकिनार कर जमीनी विवाद को भी आधार मान रही है। जिसके चलते पुलिस अधिवक्ता के जमीनी मामलों की सघनता से जांच में जुटी है। घाटमपुर सीओ राजेश पाण्डेय ने बताया कि पुलिस जांच में जुटी है और जल्द ही हत्यारे पुलिस की गिरफ्त में होंगे।
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