बलवंत तक्षक [@ Breaking News : अब घर बैठे पाए Free JIO sim होम डिलीवरी जानने के लिए यहाँ क्लिक करे] [@ एक ऐसा मंदिर जिसमें शिला रूपी स्वयंशम्भू का आकार बढ़ रहा है ]
चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा चुनावों में सिरसा के डेरा सच्चा सौदा का समर्थन हासिल करने वाले अकाली दल उम्मीदवारों के खिलाफ कार्रवाई के आसार हैं। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी)के प्रधान प्रो. किरपाल सिंह बडूंगर ने कहा है कि डेरे की शरण लेने वाले अकाली उम्मीदवारों को बख्शा नहीं जाएगा।
अकाली दल के उन उम्मीदवारों के लिए दोहरी परेशानी है, जिनके चुनाव क्षेत्रों में फिर से मतदान करवाया जा रहा है। एक तरफ जहां उन्हें मतदाताओं को अपने हक में वोट के लिए राजी करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ एसजीपीसी की कार्रवाई से बचने के लिए वे राह तलाशने को मजबूर हैं। ऐसी भी आशंका है कि डेरे का समर्थन हासिल करना दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनावों में अकाली उम्मीदवारों को भारी पड़ सकता है। दिल्ली में चुनाव 26 फरवरी को होने हैं।
प्रो. बडूंगर के मुताबिक चुनाव में वोट के लिए डेरे की शरण लेने वाले उम्मीदवारों के मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष समिति का गठन किया गया है, जो एक हफ्ते के भीतर अपनी विस्तृत रिपोर्ट देगी। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद संबंधित नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने एसजीपीसी से जांच रिपोर्ट मांगी है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि गुरु गोबिंद सिंह का बाना धारण कर कलगी लगाने और अमृत की तरह जल छकाने को ले कर कट्टरपंथी सिखों में डेरे के मुखिया गुरमीत सिंह राम रहीम के प्रति नाराजगी है। कट्टरपंथी सिखों की नाराजगी इस बात को ले कर भी है कि जब डेरे के मुखिया ने माफी मांगी ही नहीं तो माफी का हुक्मनामा कैसे जारी कर दिया गया? चंूकि, डेरे के अनुयायी करीब 40 विधानसभा सीटों पर असर डालते हैं, ऐसे में इस वोट बैंक को अपने साथ जोडऩे के मकसद से कुछ अकाली नेताओं ने मतदान से पहले डेरे की शरण ली थी। यही कोशिश अब उन्हें भारी पड़ रही है।
डेरे के समर्थन पर उठे विवाद के बीच मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने स्पष्ट किया है कि अकाली दल की तरफ से ऐसी कोई कोशिश नहीं की गई थी। डेरा सच्चा सौदा ने अपनी तरफ से ही चुनाव में अकाली-भाजपा गठबंधन उम्मीदवारों के समर्थन का ऐलान किया था। उधर, डेरे की राजनीतिक शाखा के प्रमुख राय सिंह ने कहा है कि डेरे के अनुयायियों से मिला वोट ही अकाली उम्मीदवारों को बुरी हार से बचाएगा।
बहरहाल, दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव के मौके पर उठे इस विवाद ने शिरोमणि अकाली दल की परेशानी बढ़ा दी है। पंजाब विधानसभा चुनावों में जहां अकाली-भाजपा गठबंधन को सत्ता विरोधी रुख का सामना करना पड़ रहा था, वहीं दिल्ली में अब डेरे के समर्थन के कारण सिखों की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। पिछले चुनाव में अकाली दल ने परमजीत सिंह सरना गुट को करारी शिकस्त दी थी, लेकिन पंजाब में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं के बाद अब डेरे का समर्थन हासिल करने को ले कर उठे विवाद के कारण मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल का चिंतित होना स्वाभाविक है।
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