जयपुर। प्रदेश में सडक़ दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में कमी लाने के लिए राज्य सरकार कई अहम कदम उठाने जा रही है। नो एंट्री जोन में भारी वाहन के प्रवेश पर दुर्घटना हुई तो संबंधित थाना अधिकारी और बीट कांस्टेबल के खिलाफ कार्रवाई होगी। इसमें माना जाएगा कि इन्हीं की मिलीभगत से वाहन ने नो एंट्री में प्रवेश किया। परिवहन मंत्री यूनुस खान ने इसके लिए गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है। वहीं, सडक़ दुर्घटना में घायल हुए लोगों को समय पर अस्पताल पहुंचाने और उसकी मदद करने वाले लोगों को राज्य सरकार 26 जनवरी और 15 अगस्त को सम्मानित करेगी। घटिया हैलमेट पर रोक के लिए परिवहन विभाग पुलिस विभाग के साथ कमेटी का गठन करेगा। इसके जरिये हर थाने को घटिया हैलमेट बेचने और पहनने वालों पर कार्रवाई का टारगेट दिया जाएगा। कमेटी गठन के लिए गृह मंत्री कटारिया को परिवहन मंत्री यूनुस खान ने प्रस्ताव भेजा है। सरकार यह ऐसा पहली बार कर रही है। लोगों को अब लाइसेंस के लिए आरटीओ-डीटीओ ऑफिस में नहीं भटकना पड़ेगा। आनॅलाइन आवेदन करने के बाद लोगों को ट्रायल के बाद पासपोर्ट की तर्ज पर घर बैठे लाइसेंस मिलेगा। इसके लिए प्रदेश के 25 आरटीओ-डीटीओ ऑफिसों में ऑटोमेटिक कंप्यूटराइज्ड ड्राइविंग-फिटनेस सेंटर लगाए जा रहे हैं। हर साल मनाने वाले रोड सेफ्टी वीक पूरे साल मनाया जाएगा। प्रदेश के हर जिले में रोड सेफ्टी के लिए लोगों को जाग्रत करने विभाग के अधिकारी को प्रभारी बनाया जाएगा। इसमें परिवहन मंत्री यूनुस खान और प्रमुख शासन सचिव शैलेंद्र अग्रवाल भी प्रभारी होंगे। इनका उद्देश्य जिले में सडक़ दुर्घटनाओं में कमी लाना होगा। इस बारे में परिवहन मंत्री यूनुस खान ने कहा कि सडक़ दुर्घटनाओं पर सरकार गंभीर है। इनमें कमी लाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। पूरे साल का रोड मैप तैयार किया गया है। इसके तहत पूरे साल लोगों को रोड सेफ्टी के तहत जागृत किया जाएगा।
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