बसुदेव ने जब अपना यह फैसला परिवार को बताया तो उन्होंने न केवल इस रिश्ते
को स्वीकारने से मना कर दिया बल्कि जबर्दस्त विरोध भी हुआ। कई दिनों के
प्रयास के बाद आखिरका बसुदेव घरवालों को मनाने में सफल रहा और दोनों को
शादी की मंजूरी मिल गई। इसके बाद 26 जनवरी को दोनों की धूमधाम से शादी हुई,
इसमें बसुदेव के परिवार के साथ किन्नर समाज के लोग भी शामिल हुए और दंपति
को अपनी शुभकामनाएं भी दीं।
मैं मां बनकर दिखाऊंगी
बेंगलुरु में बरसे पीएम मोदी, कहा- इंडी गठबंधन के लोग एक घिसा-पिटा टेप रिकॉर्डर लेकर घूम रहे हैं
कर्नाटक कांग्रेस का केंद्र के खिलाफ बेंगलुरु में खाली बर्तनों के साथ प्रदर्शन
राहुल अगर दो जगह से चुनाव लड़ते हैं तो क्या गलत है, मोदी ने भी ऐसा किया-वेणुगोपाल
Daily Horoscope