आजमगढ़। कहां तो तय था चरागा हर एक घर के लिए, कहां चराग मयस्सर नहीं शहर के लिए। सूबे की समाजवादी सरकार में इस जिले के परिपेक्ष्य में यह लाईनें अपनी सार्थकता साबित करती दिख रही हैं। सच तो यह है कि बहुजन समाज पार्टी की सरकार से उबी आजमगढ़ की जनता पूरे मनोयोग से 2012 के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी के साथ खड़ी थी। निजाम बदलने के साथ ही जनपद मुख्यालय की तस्वीर भी बदलनी तय मानी जा रही थी। समाजवादी पार्टी की सरकार बनी और यहां के विधायकों को सरकार में अच्छी तरह से नुमाइंदगी भी मिली। धीरे-धीरे पांच साल बीतने को है अब जिला मुख्यालय की जनता इस सवाल से दो चार हो रही है कि क्या बदल गई है शहर की सूरत?
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