डॊ. राजीव थापर
ने बताया कि दांतों में कीडा लगने के बाद खराब होने पर आरसीटी (रुट कैनाल)
की जरुरत होती है। उनके यहां उपलब्ध स्पेशलाइज्ड मशीनों में सफाई का विशेष
तौर पर ध्यान रखा जाता है। दांतों की रुट कैनाल को माइक्रोस्कोप के जरिए
देखा जा सकता है। इसके बाद लेजर मशीन का उपयोग किया जाता है जिससे
माइक्रोलेवल पर भी कमी दूर की जाती है। डिटेल से देखने के लिए माइक्रोस्कोप
मदद करता है। इससे एक दिन में ही सूक्ष्मता से किया गया रुट कैनाल का सक्सेस ज्यादा होने की संभावना होती है।इसके
बाद कैप लगाने के लिए भी विशेष उपकरण की मदद ली जाती है। जिससे कैप एक घंटे में तैयार कर ली जाती है। यह सारा कार्य परफेक्शन
विद स्पीड के साथ करते हैं। इसमें पूरी तरह अनुभवी और ट्रेंड चिकित्सक
यह कार्य करते हैं। उन्होंने बताया कि इस समय युवाओं में स्माइल डिजाइनिंग
का क्रेज बढ़ गया है। मुस्कारहट को सुंदर बनाने के लिए दातों को इसी तरह
से डिजाइन कराया जाता है। यह अत्याधुनिक मशीनें एक ही बार की सीटिंग में यह
काम कर देती है। [@ गजब का टैलेंट, पैरों से पत्थर तराश बना देते हैं मूर्तियां]
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