इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर एक याचिका पर सुनवाई करते
हुए कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनावों में इस बार
40 प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। यह वहीं नेता होंगे जो पिछले विधानसभा चुनावों
में प्रत्याशी रहे थे। हाईकोर्ट ने एक सप्ताह के अंदर चुनाव का लेखा जोखा चुनाव आयोग
को सौंपने के लिए कहा है।
गौरतलब है कि इन प्रत्याशियों ने चुनाव खर्च का लेखा-जोखा चुनाव
आयोग को नहीं दिया था। जिसपर चुनाव आयोग ने इन प्रत्याशियों को नोटिस जारी कर चुनाव
लड़ने के अयोग्य करार दिया था। इसी मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर
की गई थी। जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस फैसले को सही बताते हुये एक सप्ताह के अंदर
चुनाव का लेखा-जोखा चुनाव आयोग को देने के आदेश दिए।
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी विधानसभा चुनाव से प्रत्याशी रहे शैलेन्द्र
सिंह उर्फ बेल्टन की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बेल्टन को अपने चुनाव खर्च
का हिसाब एक हफ्ते में चुनाव आयोग को सौंपने का मौका दिया है। जबकि चुनाव आयोग को इस
पर दो हफ्ते में निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
मालूम हो कि चुनाव आयोग ने चुनाव खर्च का ब्यौरा न देने वाले 40
से अधिक प्रत्याशियों को अगले 3 वर्ष के लिए चुनाव लड़ने के अयोग्य करार दिया था। अब
जब विधानसभा चुनाव निकट आ गए है तो अयोग्य घोषित प्रत्याशी हाथ पांव चला रहे है।
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