कहानी : फिल्म की कहानी शुरूआती है मुंबई के दादर इलाके से जहां सचिन रमेश तेंदुलकर का जन्म हुआ है। जब दस साल की उम्र में वो भारतीय क्रिकेट टीम को 1983 के वर्ल्ड कप की ट्रॉफी उठाते हुए देखता है तो उसके भीतर भी एक अलग जज्बा जाग उठता है और उसके ठीक 28 साल बाद 2011 में वही सचिन खुद अपने हाथ में ट्रॉफी उठाते हुए दिखाई देता है। फिल्म में बचपन में सचिन की क्रिकेट के प्रति भूख को दर्शाया गया है, साथ ही शिवाजी पार्क से लेकर विश्व के बडे बडे ग्राउंड में किस तरह से इस लिटिल मास्टर ने भारत का परचम लहराया, यह सब दिखाया गया है। उनके पर्सनल लाइफ और करियर से जुड़े विवादों को भी दिखाया गया है।
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