फिल्म:- हिंदुत्व चैप्टर वन - मैं हिंदू हूं ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कलाकार:- आशीष शर्मा, सोनारिका भदौरिया, अंकित राज, गोविंद नामदेव, अनूप जलोटा।
निर्देशक:- करण राजदान।
लेखक, निर्माता और निर्देशक करण राजदान की फिल्म 'हिंदुत्व चैप्टर वन - मैं हिंदू हूं' अपने टाइटल और थीम को लेकर चर्चा में है। फिल्म इसी हफ्ते सिनेमाघरों में रिलीज हुई। जब से फिल्म का ट्रेलर और इसका दमदार टाइटल सॉन्ग सामने आया है, दर्शकों ने इसे खूब पसंद किया और इसका शानदार तरीके से स्वागत किया है।
फिल्म आज के युवाओं की कहानी पेश करती है। फिल्म मुख्य पात्रों और संवादों के माध्यम से हिंदुत्व की गहराई को दर्शाती है। देखा जाए तो यह दोस्ती, प्यार और छात्र राजनीति की कहानी पर आधारित है।
आशीष शर्मा द्वारा निभाई गई भूमिका भरत शास्त्री, एक हिंदू पुजारी का बेटा है, जो कॉलेज के छात्र नेता द्वारा किए गए विरोध के जवाब में उग्र भाषण देता है और फिर छा जाता है। फिल्म अपने मुख्य किरदार भरत शास्त्री के जरिए भारत देश (भारत) की कहानी बयां करती है।
आशीष शर्मा ने फिल्म में शानदार अभिनय किया है और फिल्म को खूबसूरती से अपने कंधों पर ले गए हैं।
वहीं दूसरी तरफ भरत शास्त्री के किरदार को दर्शकों का भरपूर प्यार मिलेगा क्योंकि वह बहुत ही संवेदनशील लेकिन महत्वपूर्ण सवालों को एक ऐसे लहजे के साथ उठाते हैं, जो आपको सोचने पर मजबूर कर देता है।
फिल्म में अंकित राज समीर सिद्दीकी का किरदार निभा रहे हैं। समीर एक लोकप्रिय छात्र नेता हैं जो मानते हैं कि उनके समुदाय के साथ भेदभाव किया जाता है। वह वामपंथी होने का दिखावा करता है, लेकिन वह अपने समुदाय की रक्षा के लिए लड़ता है।
हालांकि, उनके माता-पिता उदार मुसलमान हैं। वे भरत शास्त्री (आशीष शर्मा) को बेटे की तरह प्यार करते हैं। समीर सपना (सोनारिका भदौरिया) से प्यार करता है।
कहानी को इस तरह से दिलचस्प रखा गया है कि भरत शास्त्री और समीर बचपन के दोस्त हैं। लेकिन अब वे अपनी-अपनी विचारधाराओं के कारण विभाजित हो गए हैं और यही उनके विशाल संघर्ष का कारण बन जाता है।
इस बीच, भालेराव (गोविंद नामदेव) भरत को समीर सिद्दीकी के खिलाफ विश्वविद्यालय चुनाव लड़ने के लिए राजी करते हैं।
इसके बाद शुरू होता है टर्न एंड ट्विस्ट का खेल। सपना का पक्ष बदल जाता है और समीर प्यार में हार जाता है। सपना भरत शास्त्री के करीब आती है लेकिन भरत शास्त्री दुनिया को यह साबित करने के लिए संघर्ष करता है कि हिंदुत्व का सही अर्थ क्या है, हिंदुत्व का इतिहास क्या है। हिंदुत्व ने हमें सिखाया है कि ध्यान के माध्यम से विज्ञान तक कैसे पहुंचा जाए। फिल्म हिंदुत्व के अर्थ को उजागर करती है।
जहां तक अभिनय का सवाल है, आशीष का शानदार अभिनय है और हिंदुत्व के असली सार को समझता है। वह पूरी फिल्म में दर्शकों को बांधे रखने में सफल रहते हैं।
अंकित राज ने अपने किरदार के साथ पूरा न्याय किया है और अपनी पहली फिल्म में समीर सिद्दीकी की भूमिका को जीवंत किया है।
आजकल हर कोई बॉलीवुड की कई फिल्मों में मुख्य किरदार के मोनोलॉग का इंतजार करता है और इस बार आशीष शर्मा (भरत शास्त्री) ने इसे बखूबी निभाया है। हिंदुत्व की परिभाषा और उसके इतिहास के बारे में जब वो एक लंबा मोनोलॉग बोलता है तो दर्शक हैरान रह जाते हैं। यह डायलॉग दर्शकों के रोंगटे खड़े कर देता है। इस ²श्य को आशीष शर्मा ने अपनी अद्भुत संवाद अदायगी से बखूबी निभाया है।
सपना के किरदार पर सोनारिका भदौरिया ने भी अपनी छाप छोड़ी है। सपना का एक एटीट्यूड है और उन्होंने इस तरीके को बखूबी अपनाया है। वह पर्दे पर बेहद खूबसूरत और आकर्षक दिखती हैं।
वहीं बात करें अनूप जलोटा की तो अनूप जलोटा ने फिल्म में न सिर्फ भजन गाया है बल्कि वह एक्टिंग भी करते नजर आ रहे हैं।
जयकारा फिल्म्स और प्रागुन भारत के बैनर तले निर्मित यह फिल्म करण राजदान द्वारा लिखित और निर्देशित है। उन्होंने एक संवेदनशील विषय पर काफी शोध कर एक बेहतर सिनेमा बनाया है। उन्होंने सभी कलाकारों से दमदार अभिनय भी कराया है। फिल्म का संगीत इसका प्लस पॉइंट है।
हिंदुत्व फिल्म अपने विषय, प्रस्तुति, कुछ अद्भुत संवादों और अभिनेताओं द्वारा अद्भुत प्रदर्शन के कारण देखने लायक है। फिल्म का निर्माण सचिन चौधरी और करण राजदान ने किया है।
--आईएएनएस
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