आयुर्वेद के ग्रंथों में इसके गुणों की व्यापाक
रूप से चर्चा की गई है और इसके सेवन को अत्यधिक फायदेमंद और बलदायक बताया
गया है। अनन्नास के पौधों में जनवरी-फरवरी में फल लगना आरम्भ होता है। इसे
नवम्बर तक मार्केट में फलों की दुकानों पर सजे देखा जा सकता है। अनन्नास
बतौर फल खने के अलावा रस, शर्बत, मुरब्बा के रूप में भी सेवन किया जाता है।
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