इस बारे में आईएमए के मानद महासचिव डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा कि क्रॉनिक किडनी रोग एक मूक मारक है, जो एक आम व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता को नष्ट कर देता है। इसलिए जरूरी है कि क्रॉनिक किडनी रोग की जांच जल्दी हो जाए ताकि इसका इलाज हो सके। उन्होंने कहा, "हम अपनी किडनियों को बचा सकते हैं, अगर अपना निम्नतम ब्लड प्रेशर और भूखे पेट ब्लड शूगर 80 पर बनाए रखें। वजन संतुलित रखें। हर साल किडनी की जांच करवाएं और डॉक्टर से ईजीएफआर टेस्ट के लिए कहें, किडनी के नुकसान की जांच जल्दी से जल्दी करवाएं।" (IANS)
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