नई दिल्ली। लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने प्राइवेसी पर एक पोस्ट लिखा है। इस पोस्ट में फेसबुक के भविष्य के बारे में लिखा गया है। इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप व्हाट्सएप को दुनिया का सबसे सिक्योर इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप्स में से एक माना जाता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आपको बता दें कि वर्ष 2014 में फेसबुक ने व्हाट्सएप को एक्वायर (खरीदा) कर लिया।
जुकरबर्ग ने अपने प्राइवेसी पर लिखे पोस्ट का टाइटल ‘ए प्राइवेसी फोकस्ड वीजन फोर सोशल नेटवर्किंग’ रखा है। मालूम हो कि पिछले साल कैम्ब्रिज एनालिटिका विवाद के बाद से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर कई सवाल उठने लगे थे।
जिसके बाद मार्क जुकरबर्ग की कई बार आलोचना भी हुई थी। जुकरबर्ग के पोस्ट के मुताबिक, आने वाले समय में भी वॉट्सऐप और फेसबुक मैसेंजर से एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन नहीं हटाया जाएगा। वहीं, जुकरबर्ग ने प्राइवेट कम्युनिकेशन के बारे में लिखते हुए कहा, ‘सभी प्राइवेट कम्युनिकेशन्स के लिए एंड टु एंड एन्क्रिप्शन लागू करना अच्छी चीज है।’
फेक न्यूज और अफवाहें बड़ी समस्या बनकर ऊभरे
जुकरबर्ग के मुताबिक, भारत में व्हाट्सएप प्राइवेसी और एन्क्रिप्शन को लेकर कुछ समय से लगातार चर्चा में बना हुआ है। फेक न्यूज और अफवाहें बड़ी समस्या बन कर उभरे हैं, इससे निपटने के लिए सरकार चाहती है कि व्हाट्सएप फेक न्यूज या अफवाह फैलाने वालों का ऑरिजिन पता करे, लेकिन व्हाट्सएप में एंड टु एंड एन्क्रिप्शन की वजह से यह कर पाना लगभग असंभव है।
जांच एजेंसी नहीं कर सकती डिक्रिप्ट
कुछ दिन पहले ही व्हाट्सएप के इंजीनियर की एक टीम भारत आई थी और मीडिया के सवालों का जबाब देते हुए कहा था कि सरकार जिस टूल के बारे में बात कर रही है, अगर वह लाया गया तो व्हाट्सएप जिसके लिए जाना जाता है वह नहीं रह जाएगा।
उन्होंने कहा कि, एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन होने की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और मैसेज प्राप्त करने वाले के अलावा कोई तीसरा इसे इंटरसेप्ट नहीं कर सकता है। यहां तक कि कोई जांच एजेंसी भी इसे डिक्रिप्ट नहीं कर सकती है।
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