नई दिल्ली । भारत सरकार घरेलू इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग पर जोर दे रही है। इसी का असर है कि आईफोन बनाने वाली कंपनी एप्पल द्वारा देश से किया जाने वाला निर्यात अप्रैल-जून में बढ़कर 3.8 अरब डॉलर हो गया है।
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बता दें, सरकार द्वारा इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम लाई गई है। इससे घरेलू इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग को बड़ा बूस्ट मिला है।
इंडस्ट्री डेटा के मुताबिक, वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में एप्पल का निर्यात अब तक के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। इसकी वजह वैश्विक कंपनियों द्वारा 'चीन+1' की रणनीति अपनाना है।
दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी की ओर से वित्त वर्ष 24 में 8 अरब डॉलर की बिक्री भारत में की गई थी। इसमें सालाना आधार पर 33 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली थी।
कंपनी की बिक्री बढ़ने की वजह दुनिया के दूसरे सबसे बड़े स्मार्टफोन मार्केट में प्रीमियम फोन के चलन में बढ़ोतरी होना है।
इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि आईफोन की शिपमेंट में इस वर्ष 20 प्रतिशत का इजाफा हो सकता है। एप्पल एक काफी मजबूत ब्रांड है और देश में अपना वितरण नेटवर्क भी मजबूत कर रहा है, जिससे इसे और तेजी से बढ़ने में मदद मिलेगी।
सरकार की ओर से बजट 2024-25 में मोबाइल, प्रिंटेड सर्किट बोर्ड एसेंबली (पीसीबीए) और मोबाइल चार्जर पर आधार सीमा शुल्क (बीसीडी) 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पिछले छह वर्षों में मोबाइल फोन के घरेलू उत्पादन में तीन गुना बढ़ोतरी हुई है। वहीं, निर्यात 100 प्रतिशत बढ़ा है।
भारत में मोबाइल फोन के आयात में भारी कमी देखने को मिली है। मौजूदा समय में भारत में बिकने वाली 99 प्रतिशत मोबाइल घरेलू स्तर पर ही मैन्युफैक्चर किए जा रहे हैं।
--आईएएनएस
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